दमिश्क़, 30 अगस्त: (सियासत डाट काम) सदर शाम बशर अल असद हमले की सूरत में कामीकाज़ पायलेट्स (kamikaze pilots ) को इस्तेमाल करने का मंसूबा रखते हैं। शाम के एक फ़ौजी ओहदेदार ने ये बात बताई।वाज़िह रहे कि आलमी जंग दोम में इस तरह के पायलेट्स का जापान के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया गया था। ये पायलेट दरअसल ख़ुदकुश हमले करते हैं और उनका काम जंगी जहाज़ों को तबाह करना होता है। आलमी जंग दोम के दौरान तक़रीबन 4 हज़ार कामीकाज़ पायलेट्स ने अपनी जान क़ुर्बान की थी।
शाम की फ़ौज में भी 8 हज़ार ख़ुदकुश सिपाही तैयार हैं जो ज़रूरत पड़ने पर जंगी तैय्यारों को मार गिराने के लिए अपनी जानें निछावर कर सकते हैं। ज़राए ने बताया कि अगर हम मग़रिबी अफ़्वाज के तैय्यारों को मार गिराने के काबिल ना रहें तो ऐसी सूरत में फ़ौजी पायलेट्स हमले के लिए तैयार रहेंगे जो अपने ही जंगी तैय्यारों को फ़िज़ा में धमाके से उड़ाते हुए दुश्मन के तैय्यारों पर हमला करसकते हैं।
मिस्र में इख़वान अलमुस्लिमीन के ख़िलाफ़ उबूरी हुकूमत की कार्यवाईयों का सिलसिला जारी है और सेक्युरिटी फोर्सेस ने फ़्रीडम ऐंड जस्टिस पार्टी के जनरल सेक्रेटरी मुहम्मद अल बलताजी को गिरफ़्तार कर लिया है। वाज़िह रहे कि उनकी 17 साला लड़की अस्मा अल बलताजी को एहितजाजी कैंपस पर की गई खूँरेज़ कार्रवाई के दौरान हलाक कर दिया गया था।
उनकी मौत पर लिखी गई नज़्म पढ़ कर वज़ीर-ए-आज़म तुर्की तुय्यब अरदगान अश्क बार हो गए थे।