मग़रिबी एशीया में हिन्दुस्तानियों की सलामती पर ईज़हार-ए-तशवीश

नई दिल्ली, 14 फरवरी: मग़रिबी एशीया के इलाक़े में हिन्दुस्तानियों की सलामती पर ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए हुकूमत ने आज कहा कि देरीना तनाज़ा को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता क्योंकि इस इलाक़े के अमन से हिन्दुस्तानी के फ़ित्री मुफ़ादात वाबस्ता हैं।

वज़ीरे दाख़िला के अनटोनी ने 15 वीं एशियाई सलामती कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि 2011 के दौरान हिन्दुस्तान लीबिया में बरसर-ए-कार तक़रीबन 19 हज़ार हिन्दुस्तानियों का तख़लिया करवा चुका है क्योंकि इस इलाक़े में बरसर-ए-कार हिन्दुस्तानियों की सलामती के बारे में उसे तशवीश पैदा होगई थी।

इस इलाक़े में हालिया तबदीलीयां वहां की सयान्ती सूरत-ए-हाल को पेचीदा बना रही हैं। उन्होंने कहा कि इदारा बराए दिफ़ाई मुताला जात-ओ-तजज़िया के ज़ेरे एहतिमाम एक इजलास मुनाक़िद किया जाएगा। हिन्दुस्तान के इस इलाक़े के अमन-ओ-इस्तिहकाम से अहम मुफ़ादात वाबस्ता होने की बिना पर ये बिलकुल फ़ित्री है कि हिन्दुस्तान को इस इलाक़े में अमन-ओ-सलामती के उसूलों की पाबंदी से दिलचस्पी है।

साथ ही साथ देरीना और मौजूदा तनाज़आत को जो इस इलाक़े में जारी हैं, नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने पुरज़ोर अंदाज़ में कहा कि ख़लीजी मुमालिक का अमन-ओ-इस्तिहकाम सिर्फ़ इस इलाक़े की ही नहीं बल्कि हिन्दुस्तान की भी ज़रूरत है। हिन्दुस्तान और दुनिया के दीगर मुमालिक की क़ुदरती गैस की ज़रूरीयात की तकमील के जुमला वसाइल का तक़रीबन 16 फ़ीसद हिस्सा इसी इलाक़े में मौजूद है।