वज़ीर-ए-आज़म इसराईल बिंजा मन नितिन याहू ने कहा कि इन की काबीना ने मग़रिबी किनारा के तीन आउट पोस्ट को क़ानूनी मौक़िफ़ देने का फैसला किया है जबकि पेशरू हुकूमतों ने ये एतराफ़ किया था कि बिना इजाज़त ये तामीरात की गई है। इस तरह 1990 के बाद ये इसराईल की सरकारी तौर पर क़ब्ज़ा की पहली मर्तबा तौसीक़ होगी। काबीनी कमेटी ने एक दिन क़ब्ल तीन आउट पोस्ट रे हलीम, संस्ना और बरोशन को क़ानूनी मौक़िफ़ देने के लिए इंतेज़ामी उमूर की अंजाम दही का अमल शुरू कर दिया है।
इसराईल ने फिर एक मर्तबा इस एक़दाम के ज़रीया फ़लस्तीनी ज़मीन पर क़ब्ज़ा का सुबूत पेश कर दिया और इस मुआमला में आलमी बिरादरी के मौक़िफ़ को भी यकसर नज़र अंदाज कर रहा है । समझा जाता है कि इसराईल के इस एक़दाम से अमन मुज़ाकरात दुबारा शुरू होने के इम्कानात मौहूम हो जायेंगे ।