मग़रिबी बंगाल असेंबली में रेल किरायों में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़

मग़रिबी बंगाल असेंबली ने कल‌ रेल किरायों में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ एक क़रारदाद पेश की और मांग‌ किया कि मर्कज़ी हुकूमत किरायों में इज़ाफ़ा के फ़ैसला को फ़ौरी वापिस ले। क़रारदाद पेश करते हुए रियासती वज़ीर बराए पार्लीमानी उमूर पार्था चटर्जी ने कहा कि रेल किरायों में इस हद तक इज़ाफ़ा की उम्मीद‌ नहीं थी लिहाज़ा हम मर्कज़ी हुकूमत के इस फ़ैसला की मुज़म्मत करते हैं और मांग‌ करते हैं कि इज़ाफ़ा का फ़ैसला वापिस लिया जाये।

याद रहे कि सिर्फ़ तीन रोज़ क़बल मर्कज़ी हुकूमत ने मुसाफ़िर किरायों में 14.2 फ़ीसद और माल बर्दार किरायों में 6.5 फ़ीसद का बेतहाशा इज़ाफ़ा किया था जिस के बाद यक़ीनी तौर पर इन का मनफ़ी असर अश्या-ज़रुरियात‌ की क़ीमतों पर पड़ेगा और वो मज़ीद महंगी होजाएंगी। इस तरह करोड़ों हिंदुस्तानियों के अच्छे दिन बुरे दिनों में तबदील होजाएंगे।

पेश करदा क़रारदाद की तृणमूल कांग्रेस एम एल ए और वज़ीर शहरी तरक्कियात फ़र्हाद हकीम, कांग्रेस एम एलए अमीत मिश्रा, मनोज चक्रवर्ती, एसयू सी आई के तरूण नासुकर और जी एम के हरका बहादुर चैतरी ने ताईद की जबकि रियासत के क़ाइद अपोज़ीशन और सी पी आई (एम) एम एलए कान्ता मिश्रा ने भी रेल किरायों में इज़ाफ़ा के ख़िलाफ़ पेश की जाने वाली क़रारदाद की ताईद की।

दूसरी तरफ़ सी बी आई (एम) एम एलए अनीसुल-रहमान के क़रारदादों में सुधार‌ करते हुए एक जुमला का इज़ाफ़ा की तजवीज़ पेश की। रेल किरायों में इज़ाफ़ा ग़ैर जमहूरी और ग़ैर पार्लीमानी इक़दाम है, जिसे मंज़ूर करलिया गया।