तेहरान, 25 मई: ( ए पी ) ईरान के आली न्यूकलीयर मुसालहतकार ने जो आइन्दा माह मुल्क में होने वाले सदारती इंतेख़ाबात के लिए उम्मीदवार हैं आज कहा कि अगर वो इंतेख़ाबात में मुंतख़ब हो जाते हैं तो मग़रिब के ख़िलाफ़ मुज़ाहमत की पॉलीसी इख्तेयार करेंगे । तेहरान में अपनी पहली इंतेख़ाबी रैली से ख़िताब करते हुए उम्मीदवार सैय्यद जलीली ने कहा कि अगर वो मुंतख़ब हो जाते हैं तो ख़ारिजा पॉलीसी में उनकी तरजीह यही होगी कि दुनिया पर इस्लाम के असर को वुसअत दी जाये और हट धर्मी का जवाब दिया जाये ।
हट धर्मी की इस्तिलाह ईरान में अमेरीका के हवाले से दी जाती है । ईरान की गार्जियन कौंसल ने जिन आठ उम्मीदवारों को मंज़ूरी दी है जिन में सैय्यद जलीली सब से ज़्यादा कट्टर पसंद समझे जाते हैं । ईरान में 14 जून को सदारती इंतेख़ाब होने वाला है । समझा जाता है कि वो ईरान के ताक़तवर इन्क़िलाबी गार्डज़ के नियम फ़ौजी शोबा बसेज में काफ़ी ताईद रखते हैं।
आज की रैली में बसेज के कई अहम ओहदेदारों और कट्टर पसंद अफ़राद ने शिरकत की । सैय्यद जलीली ने अपना इंतेख़ाबी नारा मुज़ाहमत और तरक़्क़ी को दिया है । जलीली का कहना है कि वो 1979 के इस्लामी इन्क़िलाब की इन्क़िलाबी पालिसीयों का अहया करने की कोशिश करेंगे ।
उन्होंने कहा कि हम इस बात की कोशिश करेंगे कि सीहोनी हुकूमतों सरमायादारों और कम्यूनिस्ट निज़ाम को जड़ से उखाड़ फेंकें और उसकी बजाय हम चाहते हैं कि इस्लामी निज़ाम को फ़रोग़ दिया जाये । ईरान के इस्लामी इन्क़िलाब के रूह रवां अयातुल्लाह खुमैनी का तर्ज़ इख्तेयार करते हुए उन्होंने अपनी पहली इंतेख़ाबी तक़रीर की है ।
जलीली ने कहा कि समझौता की सियासत से तकलीफ़ और तबाही का सामना करना पड़ा रहा है । उन्होंने न्यूक्लीयर मुसालहतकार के रोल में मुल्क के मुतनाज़ा न्यूक्लीयर प्रोग्राम पर मग़रिबी ताक़तों के साथ किसी समझौता से इनकार किया था । सैय्यद जलीली को कई क़दामत पसंदों की ताईद हासिल है जिन्होंने 2005 के इंतेख़ाबात में मौजूदा सदर महमूद अहमदी नज़ाद की ताईद की थी ।
अहमदी नज़ाद 2011 में क़दामत पसंदों की ताईद से महरूम हो गए थे और जब उन्होंने अयातुल्लाह खुमैनी के जानशीन रुहानी रहनुमा अयातुल्लाह अली खुमैनी को चैलेंज करने की कोशिश की तो सैय्यद जलीली ने खुमैनी की ताईद की थी ।
ईरान में सदारती इंतेख़ाबात ऐसे वक़्त में हो रहे हैं जब न्यूक्लीयर प्रोग्राम के ताल्लुक़ से मग़रिबी ताक़तों के साथ इस के इख्तेलाफ़ात इंतिहा को पहूंच चुके हैं। ईरान अपना न्यूक्लीयर प्रोग्राम किसी भी कीमत पर बंद करने को तैयार नहीं है ।