उड़ीसा के ज़िला कंधा मिल में माओवादी के ज़रीया जिन दो इटालवी शहरीयों को यरग़माल बनाया गया था इनका हश्र हनूज़ ना मालूम है क्योंकि रियास्ती हुकूमत ने माओवादीयों से बातचीत की जो पेशकश की थी इस का अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है हालाँकि हुकूमत को माओवादिओ की जानिब से एक वरक़ीह ज़रूर मौसूल हुआ जिसमें उन्होंने अपने 13 मुतालिबात पेश किए हैं ।
वज़ीर-ए-आला नवीन पटनायक ने रियास्ती असेंबली को मतला करते हुए कहा कि रियासत उड़ीसा की सी पी आई (माविस्ट ) की आर्गेनाईज़िंग कमेटी के सेक्रेटरी सुनील के नाम पर मज़कूरा वरक़ीह वसूल हुआ है जिसकी तफ़सीली जांच पड़ताल की गई है । उन्होंने कहा कि माविस्टों की जानिब से इस मौज़ूर पर बातचीत के लिए अब तक उनके किसी नुमाइंदा की तक़र्रुरी अमल में नहीं आई है माविस्टों की जानिब से इस मुआमला पर जैसे ही कोई इत्तिला मिलेगी हुकूमत इसके मुताबिक़ मज़ीद पेशरफ़त करेगी ।
मिस्टर पटनायक ने इस मौक़ा पर माविस्टों से एक बार फिर अपील की कि वो मग़्विया इटालवी शहरीयों को रिहा कर दें । इंसानी बुनियादों पर उन्हें ना सिर्फ रिहा किया जाए बल्कि उन्हें कोई किसान भी ना पहुंचाया जाए । में आज ऐवान में सबके सामने रिहाई की पर ज़ोर अपील करता हूँ।