बी जे पी को तरक़्क़ियाती कामों से कोई दिलचस्पी नहीं है। अलबत्ता मज़हब के नाम पर वोट और इक़तिदार का हुसूल बी जे पी का मक़सद रहा है।
इन ख़्यालात का इज़हार सदर ज़िला कांग्रेस अबैदुल्लाह कोतवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस को मुख़ातब करते हुए किया। उन्होंने मुस्तक़र महबूबनगर पर बी जे पी के जल्सा-ए-आम में पारलीमानी अपोज़ीशन लीडर सुषमा स्वराज के ख़िताब पर नुक्ता चीनी करते हुए कहा कि मुल्क में मंदिर मस्जिद के नाम पर अवाम में नफ़रत पैदा करके इक़तिदार का ख़ाब देखने वालों को अचानक तरक़्क़ियाती काम कैसे याद आगए ? बी जे पी इक़तिदार में आने के बाद पा लिमोर लिफ़्ट इरीगेशन प्रोजेक्ट को क़ौमी दर्जा देने की बात कर रही है जबकि मर्कज़ी हुकूमत को पहले ही उसकी तजावीज़ इरसाल की जा चुकी है।
उन्होंने सुषमा स्वराज की जय तेलंगाना और जय सीमा आंध्र जैसे नज़रियात की वज़ाहत तलबी की ? उन्होंने कहा कि क़ाइद अपोज़ीशन ज़िला के असल नाम से तक वाक़िफ़ नहीं और दौरान ख़िताब मुसलसिल पा लिमोर कहती रहीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी फ़िर्कापरस्ती का कार्ड नहीं खेला बल्कि मुल्क में बसने वाले तमाम तबक़ात और अक़्वाम को हमेशा बराबर दर्जा दिया है।
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज को ज़ेब नहीं देता कि वो सोनिया गांधी जैसी बुलंद किरदार की क़ाइद पर नुक्ता चीनी करें। जिन्होंने वज़ारत आज़मी के ओहदे पर फ़ाइज़ होने की ताक़त रखते हुए भी उसको मुस्तर्द करदिया और यही औसाफ़ भी राहुल गांधी को विरसा में मिले हैं।
उन्होंने आख़िर में कहा कि अलाहिदा तेलंगाना के क़ियाम का वर्किंग कमेटी ने जो एलान किया है जब से बी जे पी अपने मुस्तक़बिल को लेकर बोहरान का शिकार होगई है।
महबूबनगर का जल्सा-ए-आम भी उसी की कड़ी है और 2014 में होने वाले चुनाव में जब अवाम फैसला देंगे तो बी जे पी हैरान रह जाएगी। उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज के बयान से वाज़िह होगया है कि बी जे पी किसी भी मौके पर तेलुगु देशम से मुफ़ाहमत करसकती है ।