‘मज़हब के नाम पर नहीं होने देंगे ज़्यादती ’

नई दिल्ली, 24 फरवरी: अब इसे 2014 के लोकसभा इलेक्शन की सियासत कहें या फिर मुस्लिम तबके के लिए हमदर्दी। उत्तर प्रदेश के वज़ीर ए आला अखिलेश यादव ने मुल्क की दारुल हुकूमत से मुस्लिमों की परेशानियो की आवाज को बुलंद कर एक बड़ा पैगाम देने का दांव चला है।

हफ्ते के दिन उन्होंने कहा कि कुछ मुस्लिम नौजवानों पर झूठे मुकदमे लगे हैं। उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं हैं। उत्तर प्रदेश हुकूमत इसकी गहराई से जांच कर रही है और इस सिलसिले में पुख्ता कदम उठाए जाएंगे। वज़ीर ए आलम ने कहा कि दहशतगर्द के नाम पर किसी भी मज़हब के बेगुनाह लोगों पर ज़्यादती नहीं होने दिया जाएगा।

वज़ीर ए आलम जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में मुनाकिद कांफ्रेंस में अपनी बात कह रहे थे। कांफ्रेंस की सदारत मौलाना सैयद अरशद मदनी ने की। अखिलेश ने कहा कि दहशतगर्द के मामले में पकड़े गए बेगुनाह नौजवानो की रिहाई का मुद्दा समाजवादी पार्टी हमेशा से उठाती रही है और पार्लियामेंट के इस सेशन में भी इसे उठाया जाएगा।

अखिलेश ने मुल्क में फिर्कावाराना तशुद्दुद के मुखालफत में सख्त कानून बनाने की पैरवी की।

ज़राए के मुताबिक इस प्रोग्राम में दूसरे पार्टीयों से भी मुस्लिम लीडरों को बुलाया गया था। मगर ज्यादातर आए नहीं। वहीं अखिलेश ने कांफ्रेंस में मुस्लिम तबके के मसाइल पर खुलकर राय दी। उन्होंने कहा कि रंगनाथ मिश्र कमेटी ओर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर अमल होना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में यह किस तरह लागू की जाए, इसे लेकर लगातार फिक्र किया जा रहा है।

अखिलेश ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम इतेहाद में देवबंद का बहुत बड़ा तआउन(Contributions) है। दहशतगर्द के नाम पर किसी भी बेगुनाह पर ज़्यादती नहीं होने दिया जाएगा। मुल्क की तरक्की में मुस्लिमों का बड़ा तआउन (Contributions) है।