पटना, ०२ फरवरी (यू एन आई) मारूफ़ अफ़्साना निगार और अमलीत पसंद मुसन्निफ़ीन गिल्ड के सदर शौकत हयात ने मज़हर इमाम के इंतिक़ाल पर शदीद रंज-ओ-ग़म का इज़हार किया। शौकत हयात ने कहा कि नई और जदीद शायरी के सरमाये में मरहूम ने काबिल-ए-क़दर और बेशबहा इज़ाफे़ ही नहीं किए बल्कि आज़ाद ग़ज़ल जैसी नई सिनफ़ की बुनियाद भी डाली।
इस तरह मज़हर इमाम साहिब तर्ज़ मुस्तनद मुआसिर शारा-ए-में सर-ए-फ़हरिस्त हैं।शौकत हयात ने जिन की मरहूम से रिश्तेदारी भी थी, कहा कि इतने बड़े शायर के गुज़र जाने से जो ख़ला पैदा हुआ इस का पर होना नामुमकिन है।