पुलिस ने 5 मुस्लिम नौजवानों का सफ़ाकाना क़त्ल करते हुए मज़ालिम की नई दास्तान रक़म की है। अदालती तहवील में मौजूद इन नौजवानों की रिहाई यक़ीनी हो चुकी थी इसी लिए पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है जो कि हुकूमत के लिए एक बदनुमा दाग़ साबित होगी।
जनाब अबदुर्रहीम कुरैशी सदर कल हिंद मजलिस तामीर मिल्लत ने सियोल लिबर्टीज़ की जानिब से मुनाक़िदा प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब के दौरान ये बात कही। उन्हों ने आलेर वाक़िया में जांबाहक़ होने वाले नौजवानों को इंसाफ़ दिलवाने तक जद्द और जहद जारी रखने का ऐलान करते हुए कहा कि पुलिस ने इन नौजवानों को एनकाउंटर में नहीं मारा है बल्कि बस में बैठे नौजवानों पर गोलियां बरसाते हुए जुनूनी अंदाज़ में उन नौजवानों का सफ़ाकाना क़त्ल किया है।
जनाब मुहम्मद अबदुर्रहीम कुरैशी ने सी बी आई यह हाईकोर्ट के बरसर ख़िदमत जज से इस क़त्ल वाक़िया की जामि और गैर जांबदाराना तहकीकात का मुतालिबा करते हुए कहा कि अवाम में एतेमाद की बरक़रारी के लिए ये इंतिहाई ज़रूरी है कि ख़ातियों को कैफ़र किरदार तक पहुंचाया जाए।