मज़ीद तहक़ीक़ात केलिए मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की तदफ़ीन में ताख़ीर

त्रिपोली 22 अक्टूबर (ए पी) लीबिया के साबिक़ मरदाहन मक़्तूल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की तदफ़ीन में ताख़ीर की जा रही है ताकि उन के मौत के हालात के बारे में मज़ीद तहक़ीक़ात की जा सकें और फ़ैसला किया जा सके कि इन की तदफ़ीन कहां की जाएगी ।

लीबिया के ओहदेदारों ने आज उस की इत्तिला दी , जबकि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के शोबा ने मौत के बारे में तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया । उबूरी हुकूमत ने कहा कि जुमा के दिन इस्लामी उसूलों के मुताबिक़ उन की तदफ़ीन अमल में आएगी।

कर्नल मुअम्मर क़ज़ाफ़ी की ख़ून आलूद तस्वीरों की टी वी चयानलस पर नुमाइश और उन के साथ उन के गिरफ़्तार करने वालों के ग़ैर इंसानी सुलूक ने ब्रहमी की लहर दौड़ा दी है और इस सुलूक पर एतराज़ किए जा रहे हैं।

इन की मौत से चंद मिनट क़बल उन के फ़र्ज़ंद मोतसिम को भी हलाक कर दिया गया था, लेकिन क़ज़ाफ़ी के जांनशीन सैफ़ उल-इस्लाम का हश्र क्या हुआ हनूज़ वाज़िह नहीं हो सका । वज़ीर इंसाफ़ मुहम्मद अलाजी ने कहा कि सैफ उल-इस्लाम ज़ख़मी थे और शहर ज़ुलफान के एक हॉस्पिटल में ज़ेर-ए-इलाज थी, लेकिन वज़ीर-ए-इतला-आत महमूद शमाम ने आज कहाकि वो कहां है यक़ीन के साथ नहीं कहा जा सकता ।

उन्हों ने कहा कि क़ज़ाफ़ी की नाश हनूज़ मिसराता में है। जहां सुरत में उन्हें तलाश करके हलाक कर देने के बाद मुंतक़िल किया गया ही। क़ज़ाफ़ी की कल मौत से उन के 42 साला दौर-ए-हकूमत का फ़ैसलाकुन अंदाज़ में ख़ातमा हो चुका है। कई लीबीयाई शहरी रात में मनाए जाने वाले जश्न के शोर-ओ-गुल और हवाई फायरिंग की वजह से नींद से जाग पड़े थे। उन्हें अपने नए हुकमरानों के बारे में भी तशवीश है।