नागपुर। 19 अक्तूबर (पी टी आई) बी ऐस यदि यूरप्पा की गिरफ़्तारी के सिलसिले में कांग्रेस की तन्क़ीद का निशाना बने बी जे पी के सीनीयर क़ाइद ईल के अडवानी ने आज एतराफ़ किया कि छोटी छोटी गलतीयां आज पार्टी क़ियादत केलिए परेशानी का सबब बन गई हैं। उन्हों ने इन्किशाफ़ किया कि पार्टी ने इन तबदीलीयों के बारे में साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर कर्नाटक बी ऐस यदि यूरप्पा को ख़बरदार भी किया था। वो यदि यूरप्पा पर धोका दही के इल्ज़ामात में इन की गिरफ़्तारी के बारे में सवालात की बौछार का जवाब दे रहे थे जो उन पर एक प्रैस कान्फ़्रैंस में की गई जो उन्हों ने कुरप्शन के ख़िलाफ़ अपनी यात्रा के दौरान नागपुर में मुनाक़िद की थी। उन्हों ने कहा कि दूसरों की छोटी छोटी गलतीयां पार्टी की क़ियादत के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। इस बात के भी इमकानात हैं कि पार्टी ज़वालपज़ीर होजाएगी। इसी लिए वो पार्टी के हर कारकुन को चौकस रहने की हिदायत दे रहे हैं। साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर कर्नाटक का रास्त तौर पर नाम लिए बगै़र जो मुबय्यना तौर पर कानकनी एस्क़ाम में मुलव्विस हैं, अडवानी ने ये तबसरा किया। काले धन के बारे में बी जे पी ज़ेर-ए-क़ियादत एन डी ए हुकूमत के माज़ी में किए हुए इक़दामात का तज़किरा करते हुए अडवानी ने कहा कि इस वक़्त क़वानीन बहुत सख़्त थी। स्विटज़रलैंड की बैंक्स कोई इत्तिला फ़राहम नहीं कररही थीं। उन्हों ने कहा कि योरोपी ममालिक खासतौर पर जर्मनी के संगीन मआशी बोहरान के बाद काला धन ज़ख़ीरा करने वालों के नामों की फ़हरिस्त हासिल होसकी, जिस में तक़रीबन 2 हज़ार नाम हैं, जिन में से 500 का ताल्लुक़ जर्मनी से है। यू पी ए हुकूमत के इस मसला पर रवैय्या का ज़िक्र करते हुए अडवानी ने कहा कि इस वक़्त की हुकूमत जर्मनी ने इस से रब्त पैदा करने वाले ममालिक से मालूमात में शराकतदारी पर आमादगी ज़ाहिर की थी, लेकिन हकूमत-ए-हिन्द ने इस से रब्त पैदा नहीं किया और ना कालाधन ज़ख़ीरा करने वालों की फ़हरिस्त हासिल की। इस फ़हरिस्त का बरसर-ए-आम ऐलान भी नहीं किया गया और ना वहां पर ज़ख़ीरा किए हुए काले धन कुमलक वापिस लाने की कोशिश की गई। उन्हों ने कहा कि वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने हुकूमत के नाम उन के मकतूब के जवाब में इन को तीक़न दिया था कि हुकूमत इस मसला की संजीदगी से पैरवी करेगी। उन्हों ने पार्लीमैंट पर इल्ज़ाम भी आइद किया था और कहा था कि यू पी ए हुकूमत बरसर-ए-इक़तिदार आने के अंदरून 100 दिन काला धन मुल्क में वापिस लाएगी। तक़रीबन 700 दिन गुज़र चुके हैं और हुकूमत ने कुछ भी नहीं किया है। इत्तिलाआत के बमूजब ढाई लाख करोड़ रुपय सुइस बैंकों में जमा किए गए हैं और अब तक इन अफ़राद ने रक़म हासिल भी करली होगी।