यदि यूरप्पा जेल मे, दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द

बैंगलौर।16 अक्टूबर, ( पी टी आई) साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर कर्नाटक बी ऐस यदि यूरप्पा की दरख़ास्त ज़मानत को लोक एवकत अदालत ने मुस्तर्द करदिया और सरकारी आराज़ीयात को डी नोटीफ़िकेशन में मुबय्यना बे क़ाईदगियों के सिलसिला में उन के ख़िलाफ़ मुक़द्दमात के पेशे नज़र गिरफ़्तारी वारंट जारी किया और उन्हें अदालती तहवील में दिया जा रहा है। अदालत ने यदि यूरप्पा के साबिक़ वज़ारती रोफ़क़ा ऐस एन करशनया ष़्टि को भी ज़मानत देने से इनकार किया। अलबत्ता साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर के फ़र्र ज़िंदाँ पी वे राघवेन्द्र, लोक सभा रुकन पार्लीमैंट और बी वाई विजेंदर और दामाद सोहन कुमार के बशमोल दीगर 14 मुल्ज़िमीन को राहत पहुंचाई। पुर हुजूम अदालत में अपने अहकामात का ऐलान करते हुए जज उन के सुरेन्द्रा राव ने जिन अफ़राद की ज़मानत मंज़ूर की गई उन्हें फी कस पाँच लाख रुपय की सैक्योरिटी के उमूर मुकम्मल करने की हिदायत दी, और उन से कहा गया कि वो सबूत मिटाने की कोशिश ना करें और मलिक के बाहर ना जाएं। अदालत ने यदि यूरप्पा और करशनया ष़्टि के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया। यदि यूरप्पा सेहत की वजह बता कर अदालत में समाअत के दौरान ग़ैर हाज़िर रहै। लेकिन उन के फ़र्र ज़िंदाँ और दामाद अदालत में मौजूद थे। शिकायत कुनुन्दगान ने इल्ज़ाम आइद किया है कि सरकारी आराज़ीयात की डी नोटीफ़िकेशन में धांदलीयाँ की गई हैं।इस शिकायत को वकील सिराजन बाशाह ने दाख़िल किया है।अदालत के अहकाम से बी जे पी और यदि यूरप्पा को शदीद दबाॶ का सामना है, जिन के सर पर जुनूब में पार्टी की पहली हुकूमत बनाने का सहरा है। यदि यूरप्पा को जुलाई में पार्टी की मर्कज़ी क़ियादत ने अस्तीफ़ा देने के लिए ज़ोर दिया था। गै़रक़ानूनी कानकनी में लोक आयवकत रिपोर्ट में उन्हें माख़ोद किया गया था। गुज़शता माह लोक एवकत अदालत ने 3अक्टूबर को अपने फ़ैसले की तारीख़ मुक़र्रर की थी लेकिन इस की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने उबूरी हुक्म इलतिवा दिया था। जिस के बाइस दरख़ास्त ज़मानतों पर लोक एवकत का फ़ैसला मोख़र करदिया गया था।0सितंबर को एक रुकनी जज ने लोक एवकत की कार्रवाई पर उबूरी हुक्म इलतिवा दिया था। अदालत ने यदि यूरप्पा को अदालत में हाज़िरी से असतसनी देने की दरख़ास्त को मुस्तर्द करदिया। इसी दौरान अदालत के हुक्मनामा से मुताल्लिक़ इत्तिला मिलने के चंद लम्हों बाद चीफ़ मिनिस्टर सदानंद गौड़ा ने अपना दौरा मुंबई मंसूख़ करदिया और अपने का बीनी रफ़क़ा से बातचीत की। वज़ीर-ए-दाख़िला आर अशोक से भी उन्हों ने सूरत-ए-हाल पर तबादला-ए-ख़्याल किया।