यमन: एक साल में 552 बच्चों की मौत, 370 सऊदी गठबंधन की कार्रवाई में हुई!

इस रिपोर्ट के अनुसार 2017 में बमबारी में मारे जाने वाले 552 बच्चों में से 370 सऊदी नेतृत्व वाले अरबी गठबंधन की बमबारी में मारे गए हैं। इस रिपोर्ट में आया है कि 3 वर्ष से अधिक समय में सऊदी गठबंधन ने 1300 से अधिक यमनी बच्चों की हत्या की है।

यमन पर सऊदी आक्रमण में 14 हज़ार से अधिक यमनी मारे गए हैं और इस देश का आधारभूत ढांचा पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गया है।

सऊदी-अमीराती युद्धक विमानों ने यमन में कल एक और अपराध किया। आक्रमणकारियों ने यमनी विस्थापितों से भरी एक बस को पश्चिमी यमन के अलहुदैदा प्रांत में निशाना बनाया और कम से कम 20 यमनी नागरिकों की हत्या कर दी। इस हमले में 9 लोगों की मौत और 11 घायल हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के साथ गठबंधन में शामिल बहुत से देश इस गठबंधन से बाहर चले गए हैं और लेकिन यह गठबधन को अब भी अमरीका और पश्चिमी देशों के समर्थन प्राप्त है।

इस के साथ ही यमन में बढ़ते संघर्ष को देखते हे फ्रांस की राजधानी में यमन में मानवीय जीवन की स्थिति की समीक्षा के लिए विशेषज्ञों की एक बैठक आयोजित की गई है।

मिस्र से छपने वाले समाचार पत्र अलयौम अलसाबे ने रिपोर्ट दी है कि फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह बैठक यमन विशेष कर अलहुदैदा में गंभीर होती झड़पों के कारण आयोजित की जाएगी।

इस बयान में आया है कि संयुक्त राष्ट्र ने यमन के संकट को दुनिया में मानवीय जीवन का सबसे बड़ा संकट बताया है। क्योंकि 80 लाख से अदिक यमनी खाने की कमी से जूझ रहे हैं और दूसरे सैंकड़ों भूखों मरने की कगार पर पहुँच चुके हैं।

इस बयान में यमन में अधिक उपस्थिति वाले देशों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी की तरफ़ इशारा करते हुए कहा गया है कि इन देशों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को को चाहिए कि एक दूसरे के साथ मिलकर यमन के मानवीय संकट को दूर करने के लिए कार्य करना चाहिए।

हालांकि इससे पहले फ्रेंच समाचार पत्र लोफिगारो ने फ्रांस के सैन्य सूत्रों के हवाले से रिपोर्टे दी थी कि यमन के अलहुदैदा पर कब्ज़े में फ्रांस के विशेष बल प्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। यही कारण है कि विश्लेषकों ने यमन युद्ध में फ्रांस के रुख को केवल राजनीतिक और दोगलापन बताया है।

दूसरी तरफ़ यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि आज 27 जून को अलहुदैदा में सैन्य अभियान को समाप्त करने की कोशिशों को जारी रखने के लिए अदन पहुँच गए हैं।

रूसिया अलयौम ने खबर दी है कि यमन में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ्टस आज अदन पहुँच गए हैं, और वह वहां अलहुदैदा में सैन्य अभियान को रोकने के लिए यमन के त्यागपत्र दे चुके राष्ट्रपति मंसूर हादी और दूसरे नेताओं से मुलाकात करेंगे।

संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने पिछले सप्ताह सनआ की यात्रा की थी और उनके पहुँचने के साथ ही यह रिपोर्ट आई थीं कि उन्होंने अंसारुल्लाह को वार्ता की मेज़ पर लाने और हादी बलों की समर्थन के लिए अरब गठबंधन की शर्तों को अंसारुल्लाह तक पहुँचा दिया है।

हालांकि मार्टिन को अंसारुल्लाह के साथ जो कि अलहुदैदा से अरब गठबंधन के सैनिकों के लिकलने की सूरत में पोर्ट को संयुक्त राष्ट्र के हवाले करने का सुझाव रखा था, के साथ बातचीत में किसी नतीजे पर पहुँचे बिना अदन से चले गए थे।

मंसूर हादी बलों ने 13 जून को गोल्डन विक्ट्री के नाम से अंसारुल्लाह को अलहुदैदा पोर्ट से निकालने के लिए एक अभियान चला रखा है।

यह पोर्ट उत्तरीय यमन में मानवता प्रेमी सहायताओं के पहुँचने का एकमात्र माध्यम माना जाता है। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अगर यह युदध जारी रहता है तो उत्तरीय यमन में एक मानवीय त्रासदी हो सकती है।

साभार- ‘वर्ल्ड न्यूज अरेबीया’