यमन पर सऊदी अरब एयरफोर्स ने किया बड़ा हमला, चारों तरफ़ तबाही!

दूसरी तरफ़ यमनी स्रोतों ने असीरा के मोर्चे पर यमनी लड़ाकों के अभियान में सऊदी अरब के दो उच्च कमांडरों के मारे जाने की खबर दी है। इस स्रोतों का कहना है कि पांचवें ब्रिगेड के पहले बटालियन के कमांडर और सऊदी सेना के पांचवें ब्रिगेड के दूसरे बटालियन के कमांडर यमनी स्नाईपरों और असीरा में तोपखाने के हमले में मारे गए हैं।

अब सऊदी गठबंधन द्वारा हुदैदा पोर्ट पर कब्ज़ा करने के लिए सऊदी सेना और स्वंय सेवी बलों को पीछे धकेलने की कोशिशों के साथ ही यमन का तीन वर्षों से जारी युद्ध खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है।

विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिमी देश और सऊदी अरव एवं अमीरात के मुख्य सहयोगी अब स्वीकार कर चुके हैं कि सऊदी नेतृत्व वाली ज़मीनी सेना जिसमें फारस की खाड़ी की थल सेनाओं के बल भी शामिल हैं, और यमन के स्थानीय सशस्त्र बलों में यमन के गृह युद्ध के परिणामों को निश्चित करने की क्षमता नहीं है।

इस संबंध में रायटर्स ने एक पश्चिमी राजनयिक के हवाले से शुक्रवार 22 जून को लिखा कि अमरीका ने सऊदी-अमीराती गठबंधन से कहा है कि वह अलहुदैदा पोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र की निगरानी के सुक्षाव को स्वीकार कर लें।

सऊदी-अमीराती गठबंधन पर अमरीका का दबाव तब शुरू हुआ है कि जब यह गठबंधन उक्त पोर्ट पर कब्ज़ा करने के लिए लगातार एक सप्ताह से अधिक समय तक भयानक हमले करने के बावजूद मन मुताबिक नतीजे प्राप्त नहीं कर सका।

यह हमला जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह अमीरात का प्यान और उसकी सक्रिय सहभागिता के साथ शुरू हुआ था में सऊदी गठबंधन ने अमरीका और पश्चिम से एक सप्ताह का समय मांगा था, ताकि इस अवधि में अलहुदैदा एयरपोर्ट में अंसारुल्लाह और यमन क्रांतिकारी बलों को समाप्त करके उनके एकमात्र लाइफ लाइन को भी समाप्त कर दें।

विदेश मामलों में अमीरात के सलाहकार मंत्री अनवर करकाश ने इस अभियान के शुरू होने से पहले न्यायॉर्क टाइम्स से कहा था कि अंसारुल्लाह यमन आंदोलन को एक समय सीमा दी गई है ताकि वह हुदैदा बंदरगाह को खाली कर दें।

सऊदी गठबंधन ने यमन मामलों में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मार्टिन ग्रेफ्टस से भी कहा था कि हुदैदा बंदरगाह को खाली करने के लिए अंसारुल्लाह पर दबाव डालें।

अंसारुल्लाह के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल सलाम ने पिछले सप्ताह मार्टिन द्वारा अलहुदैदा बंदरगाह खाली किए जाने के आग्रह पर यह बयान देते हुए कि संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि को केवल संदेश पहुँचाने वाले की भूमिका नहीं निभानी चाहिए कहा कि यह कदापि नहीं हो सकता कि यमनी बल इस पोर्ट को थाली में रख कर आक्रमणकारियों के हवाले कर दें।

संयुक्त राष्ट्र के इस पक्षपातपूर्ण रवय्ये के बाद ही ग्रेफ्टस ने पिछले सप्ताह अंसारुल्लाह के लीडरों से मुलाकात और हुदैदा पोर्ट को खाली करने के संबंध की उनसे वार्ता करने के बाद, बिना किसी परिणाम के सनआ शहर से वापस चले गए।

हालांकि अब यमन युद्ध निर्णायक चरण में पहुँच रहा है और सऊदी-अमीराती गठबंधन इस कोशिश में है कि जैसे भी हो सके सामरिक आधार पर महत्वपूर्ण अहलुदैदा पोर्ट पर सैन्य कब्ज़ा कर लिया जाए।

इस संबंध में युद्ध के मैदान से आने वाली रिपोर्ट बताती हैं कि अंसारुल्लाह ने अलहुदैदा शबर औऱ पोर्ट की तरफ़ आज 24 जून को और अधिक बल भेजे हैं, हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि आक्रमणकारी अरब गठबंधन बल इस शहर से करीब हो रहे हैं।

अलकुद्सुल अरबी समाचार पत्र ने एक स्थानीय नागरिक के हवाले से लिखा है, अंसारुल्लाह बलों ने शहर में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है, और नए चेक पोस्ट बनाए हैं।

अंसारुल्लाह बलो ने पोर्ट की तरफ़ जाने वाली कुछ मुख्य और दूसरी सड़कों को बंद कर दिया है और पोर्ट की तरफ़ जाने वाली उत्तर पूर्वी सड़कों पर सीमेंट, और मिट्टी की रुकावटों खड़ी करने के साथ ही खुदाई कर रखी है।

एक चश्मदीद ने हमारे पत्रकार को बाताय है कि कल आधी रात को अलहुदैदा यूनिवर्सिटी के पास शहर से तीन किलोमीटर दूर तट वाला रास्ता जो कि पोर्ट और एयरपोर्ट को जोड़ता है, पर अंसारुल्लाह और आक्रमणकारी बलों के बीच गंभीर झड़पें हुई हैं।

अलहुदैदा के साथ ही आक्रमणकारी गठबंधन बलों ने लहज, सअदा, सरवाह जैसे क्षेत्रों में भी अंसारुल्लाह के विरुद्ध लड़ाई का मुख खोल दिया है।

अलहुदैदा पर सऊदी गठबंधन के गंभीर आक्रमण के कारण बहुत से यमनी परिवार कठिन हालात में शहर से निकल कर सनआ की तरफ़ जा रह हैं। सनआ शबर में विस्थापितों को आश्रय देने के लिए स्कूलों के द्वारों को खोल दिया गया है। यमनी विस्थापित बहुत कठिन हालात का सामना कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र को चिंता है कि हुदैदा में संघर्ष का बढ़ना यमन में मानवता प्रेमी सहायताओं को पहुँचाने में रुकावट बनेगा। इस संगठन के अनुसार यमन के 22 मिलयन लोगों को इन सहायताओं की आवश्यकता है।

साभार- ‘वर्ल्ड न्यूज अरेबीया’