दुबई: यमन में वक्फ़ मंत्री डॉ इरशाद अहमद अत्या का कहना है कि “मारिब प्रांत के क्षेत्र सरावह में होती मलीशियाउं की ओर से मस्जिदों को निशाना बनाया जाना हैरानी की बात नहीं क्योंकि उनको ईरान से निर्देश मिलते हैं।
अलअरबिया डॉट नेट के अनुसार वक्फ़ मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ होतयों ने 3000 से अधिक मस्जिदों को सैन्य बैरकों और गोदामों में बदल दिया है, जबकि कई मस्जिदों को धमाकों से नष्ट भी किया “।
रोजनामा “अकाज़” के अनुसार डॉ। अहमद अत्या ने कहा कि मस्जिदों को निशाना बनाया जाना ईरान के उस विस्तार परियोजना की सच्चाई को उजागर करती है जिस पर होती यमन में काम कर रहे हैं।
उन्होंने बावर किया कि “युद्ध अपराध गिने जाने वाले दुर्घटना में जुमा की नमाज अदा करने वालों को निशाना बनाना .. येमेनी जनता के हवाले से विद्रोहियों के बर्बरता का सबूत है”।
आपको बता दूँ कि मारिब प्रांत के गवर्नर ने जुमा को बताया था कि होतयों की ओर से रॉकेट और बमबारी का निशाना बनने के कारण मस्जिद एक “खंडर” में बदल गई। इस बर्बर कार्रवाई में 34 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं।