रियाद। अरब लीग ने कहा है कि अमेरिकी दूतावास को येरुशलम ले जाने जैसे कदम भविष्य में किसी तरह की शांति वार्ता के लिए धक्का होंगे और इनसे संकटग्रस्त इस क्षेत्र में हिंसा की नई लहर पैदा हो सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस्राएल में अपने दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम ले जाना चाहते हैं। इसका मतलब इस प्राचीन शहर को इस्राएल की राजधानी के रूप में मान्यता देना होगा जबकि पूर्वी येरुशलम पर फलस्तीनी अपना दावा जताते हैं।अमेरिका सोमवार को अपने दूतावास को येरुशलम ले जाने की घोषणा कर सकता है।
फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के एक वरिष्ठ सलाहकार नाबिल शाथ ने रविवार को कहा, “हम अमेरिकी पक्ष को चेतावनी देते हैं कि अगर अमेरिकी सरकार संयुक्त येरुशलम को इस्राएल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने की कोशिश करती है और अपने दूतावास को येरुशलम लेकर आती है तो इससे शांति प्रक्रिया की सभी संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।