पेरिस। बड़ी शक्तियों ने जहां अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर स्पष्ट किया है कि इजराइल और फिलीस्तीन संघर्ष के दो राज्यिक समाधान ही एकमात्र हल है वहीं फ्रांस ने चेतावनी दी है कि अगर डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी दूतावास यरुशलम स्थानांतरित किया तो शांति की गाड़ी पटरी से उतर जाएगी. फ़्रांस के अनुसार यरूशलम को इज़राइल की राजधानी बनाने के ” गंभीर परिणाम” निकलेगा। और उन्होंने डोनल्ड ट्रम्प को चेतावनी दी है की जब आप अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं तो इस तरह की समस्या पर ज़िद्दी और एकतरफा निर्णय नहीं कर सकते।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार यरूशलम की स्थिति के मामले को फिलिस्तीन इजराइल विवाद में सबसे कठिन निर्णय माना जाता है.
फ़्रांसिसी विदेश मंत्री ने यहां शुरू होने वाली मध्य पूर्व शांति सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह यरूशलेम के बारे में कोई भी व्यक्तिगत फैसला न करें।
मार्क एगो ने यह भी कहा है कि हालांकि आने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति को मालूम हो जाएगा कि जो सोच रहे हैं इसे लागू करना असंभव है। फ्रेंच टीवी चैनल थ्री से बातचीत करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, कि” जब आप अमेरिकी राष्ट्रपति बनते हैं तो इस तरह की समस्या पर ज़िद्दी और एकतरफा निर्णय नहीं कर सकते। आप को शांति के लिए स्थिति पैदा करने की कोशिश करनी होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि दशकों पुराने इसे विवाद का हल केवल दो राज्यिक समाधान है और इस समाधान को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरपूर कोशिश करनी चाहिए।
फ्रांस के विदेश मंत्री के अनुसार उनकी शांति की सेवा करने के अलावा कोई दूसरी इच्छा नहीं है और इस उद्देश्य के लिए अब बहुत कम समय बचा है। उनका इशारा यरूशलम में यहूदी बस्तियों की ओर था कि उनकी संख्या बढ़ने से यरूशलम की स्थिति पर भी फर्क पड़ता होगा।
इस बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतेनयाहू ने पेरिस मध्य पूर्व सम्मेलन को बेकार करार दे कर खारिज कर दिया है। इस सम्मेलन में 70 देशों के नेताओं ने इजरायल और फिलीस्तीन के बीच संघर्ष के दो राज्यिक समाधान की कोशिश को और मजबूत करने के लिए इकट्ठे हुए हैं।