यरुशलम में एम्बेसी शिफ्ट करने वाले देशों को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए- OIC

अमेरिका के नक़्शेकदम पर चलते हुए पराग्वे ने भी इजराइल में अपने दूतावास को तेलअवीव से जेरुसलम शिफ्ट किया है। इससे पहले ग्वाटेमाला और अमेरिका अपने दूतावास को जेरुसलम शिफ्ट कर चूका है।

इस मामले में इस्लामी सहयोग संगठन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ओआईसी के महासचिव यूसुफ़ बिन अहमद अलउसैमीन ने एक बयान जारी कर कहा कि पराग्वे ने अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्तावों का खुला उल्लंघन किया है। उन्होंने सुरक्षा परिषद से मांग की कि वह इस बारे में अपने दायित्वों का पालन करे।

उन्होंने ओआईसी की इस्तांबुल बैठक का हवाला देते हुए कहा कि पराग्वे को परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। दरअसल, इस बैठक में इस्लामिक मुल्कों ने मिलकर फैसला लिया था कि हर उस देश के ख़िलाफ़ राजनैतिक व आर्थिक कार्यवाही की जाएगी जो अपना दूतावास बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरित करेगा।

वहीँ फ़िलिस्तीन के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी करके अपना दूतावास तेल अवीव से बैतुल मुक़द्दस स्थानांतरित करने के पराग्वे के क़दम को फ़िलिस्तीनी जनता से खुली दुश्मनी बताया है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पराग्वे ने अपने इस क़दम से फ़िलिस्तीनी जनता के अधिकारों समझौतों को रौंद दिया है और यह एक ग़ैर क़ानूनी क़दम है।