यहां की एक नदी उगलती है सोना, कोई नहीं जानता कहां से आता है यह सोना

रांची/तमाड़ 5 जून : यहां की एक नदी सोना उगलती है। नदी की रेतीली बालू से हर रोज सोना निकालना और फरोख्त। पीढ़ियों से यहां की ख्वातीन की ये मामुल रही है। लेकिन, हालात ये कि दिनभर सोना छानने वालों के हाथ इतने पैसे भी नहीं आते कि घर चला सकें। यह हालत है रांची से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर वाक़ेय तमाड़ और सारंडा इलाके की।

यहां के घने जंगलों में वाक़ेय राबो और टेबो पहाड़ों के दरमियान करकरी नदी बहती है। इसी से सोना निकलता है, पर यह कोई नहीं जानता कि इसमें सोना आता कहां से है।

यह इलाका सख्त नक्सल इलाका है। इनामी नक्सली कुंदन पाहन का ये गढ़ है। हालात ये हैं कि सीआरपीएफ के तीन कैंप यहां लगाए गए हैं, ताकि कुंदन की दहशत को कम किया जा सके। नदी में सूप लिए जगह-जगह खड़ी ख्वातीन दिख जाती हैं। इलाके के करीब आधा दर्जन गांवों के दो दर्जन से अधिक खानदान नदी से निकलने वाले सोने पर मुनहसर हैं।