रांची। पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा उपचुनाव में विपक्षी झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का जलवा कायम रहा। वर्ष 1980 से लगातार इस सीट पर जीत का परचम लहराने वाले झामुमो ने उपचुनाव में अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। झामुमो विधायक अनिल मुर्मू के असामयिक निधन के बाद हुए उपचुनाव में भी झामुमो उम्मीदवार साइमन मरांडी ने जीत दर्ज की।
जेएमएम के साइमन मरांडी ने बीजेपी के हेमलाल मुर्मू को 12,900 वोटो से हराया जिन्होंने इस बार हार की हैट्रिक लगाई है। लिट्टीपाड़ा उपचुनाव के बहाने बीजेपी ने संथाल परगना इलाके में झामुमो के किले को भेदने के लिए पूरी ताक़त लगा दी थी इसके बावजूद बीजेपी को इस उपचुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। दरअसल, आंकड़ों के हिसाब से 1980 लेकर 2014 तक हुए असेंबली इलेक्शन में सीट झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के कब्जे में रही है।
हालांकि मौजूदा झामुमो उम्मीदवार 1977 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में यहां से पहली बार जीते थे। उसके बाद 2009 तक या तो साइमन मरांडी ने यह सीट जीती या फिर उनकी पत्नी सुशीला हांसदा के कब्जे में रही। 2014 में यह सीट झामुमो के अनिल मुर्मू ने जीती जबकि साइमन बीजेपी के उम्मीदवार के रूप में दूसरे नम्बर पर रहे।
राज्य की कल्याण मंत्री और लिट्टीपाड़ा चुनाव के लिए प्रबंधन के लिए डेप्युट की गयी लुइस मरांडी ने कहा कि चुनाव में जीत हार लगी रहती है। चुनाव नतीजों के ऊपर मंथन किया जाएगा। नतीजे जो भी हो लिट्टीपाड़ा इलाके का विकास सरकार का मकसद है। वहीं, झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि यह बीजेपी उम्मीदवार हेमलाल मुर्मू की नहीं बल्कि राज्य सरकार और उसकी नीतियों की हार है।