यह कहना कि रमजान से मुस्लिमों का वोटिंग प्रभावित होगा, मुसलमानों का अपमान है- ओवैसी

ओवैसी ने कहा, ‘‘यह कहना कि रमजान से हमारा (मुस्लिमों का) वोटिंग प्रभावित होगा, मुसलमानों का अपमान है। रमजान में, शैतान को कैद कर दिया जाता है – इंशाअल्लाह लोग उसके एजेंट को शिकस्त देने के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।’’

लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में होंगे और मतगणना 23 मई को होगी। चुनाव आयोग ने रविवार को यह घोषणा की।

वहीं, रमजान का महीना पांच या छह मई से शुरू होने की उम्मीद है और यह 29 दिनों तक चलेगा।

तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि रमजान के महीने के दौरान चुनाव मुस्लिम समुदाय के लिए असुविधाजनक होगा। इससे केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को मदद मिलेगी। दरअसल, मुस्लिम समुदाय को विपक्षी पार्टियों का जनाधार माना जाता है।

ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे लोग कह रहे हैं कि रोजा रखे जाने के चलते मतदान प्रतिशत कम हो जाएगा। यह पूरी तरह से बकवास है। ऐसा कुछ नहीं होगा। इसके उलट मतदान प्रतिशत बढ़ जाएगा। मैं आश्वस्त हूं कि रमजान के दौरान मुस्लिमों की रूहानियत (आध्यात्मिकता) बढ़ जाती है।’’

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘चुनाव संवैधानिक दायित्व है और उसे अवश्य निभाना चाहिए। रमजान के दौरान मुसलमान काम क्यों नहीं करेंगे? रोजा रखना मुस्लिमों पर बाध्यकारी है। हम खाना पकाते हैं, साफ सफाई करते हैं और रोजा रखने के दौरान अपने परिवारों की देखभाल करते हैं।’’

वहीं, इस विवाद पर प्रतिक्रिया करते हुए चुनाव आयोग ने इससे पहले कहा था कि रमजान के दौरान चुनाव कराए जाते हैं क्योंकि पूरे महीने को कार्यक्रम से बाहर नहीं किया जा सकता।

आयोग ने कहा कि मुख्य त्योहार और शुक्रवार को मतदान रखने से बचा गया है।

उल्लेखनीय है कि आप नेता अमानतुल्ला खान ने रविवार को ट्वीट किया था कि दिल्ली में 12 मई को चुनाव होगा, जब मुस्लिमों का रमजान चल रहा होगा।

पश्चिम बंगाल सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी इसी तरह की बातें कही हैं।