नई दिल्ली: याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद उसकी शरीक ए हयात राहीन को एमपी बनाने की मांग करने वाले सपा के रियासती नायब सदर मोहम्मद फारूक घोसी ने यूटर्न ले लिया है। घोसी ने हफ्ते के रोज़ कहा कि यह तो उनकी ज़ाती राय थी। उधर, पार्टी ने इस बयान को लेकर कार्रवाई करते हुए उन्हे ओहदा से हटा दिया है। सपा ने कहा है कि उसका इस बयान से कोई लेना-देना नहीं है।
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र के नायबसदर मोहम्मद फारूक ने इस मांग को लेकर समाजवादी पार्टी के चीफ मुलायम सिंह यादव को खत भी लिखे थें । फारूक ने अपने खत में लिखा कि मुंबई बम धमाके के मामले में याकूब के साथ उसकी शरीक ए हयात को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, फिर राहीन को बाद में बरी कर दिया गया था, लेकिन तब तक वह कई सालों तक जेल में रहीं। कितनी तकलीफ सही होगी।
हम समाजवादियों की एक खूबी है कि मन में जो बात रहे, उसे कहना जरूरी है। आप हमारे लीडर हैं, वह भी समाजवादी जिन्होंने मजलूम और बेसहारा लोगों का हमेशा साथ दिया है। आज मुझे राहीन याकूब मेमन बेसहारा और मजबूर लग रही है और इस मुल्क में कितने बेसहारा होंगे, जिनकी लडाई हम सबको लडनी है।
मुसलमान आज अपने आपको मजबूर समझ रहे हैं। हमें साथ देना चाहिए और राहीन याकूब को एमपी बना कर मजलूम और मजबूर लोगों की आवाज बनने देना चाहिए।
इस बीच, खबर है कि 30 जुलाई को याकूब के जनाजे पर मुंबई पुलिस की कडी नजर थी। मुजरिमों के आने के शक व शुबा को देखते हुए मुंबई पुलिस ने याकूब के जनाजे का वीडियो भी बनाया है। जुमेरात के रोज़ को जिस वक्त याकूब के लिए माहिम दरगाह पर दुआ पढी गई और जब उसे मरीन लाइन्स के बडा कब्रिस्तान में दफनाया गया, उस वक्त हजारों लोगों की भीड थी।
पुलिस को इस बात का शक था कि जनाजे में जरूर कई मुजरिम आएंगे, इसी वजह से जनाजे का वीडियो बनाया गया।
इत्तेला के मुताबिक, जनाजे के बाद पुलिस उस वीडियो के फुटेज की स्कैनिंग कर रही है। याकूब के जनाजे में दस हजार से ज्यादा लोगों की भीड जुटी थी। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मेमन को फांसी दिए जाने से पहले मुंबई पुलिस ने मुजरिमाना रिकॉर्ड रखने वाले 526 लोगों को हिरासत में ले लिया था।
याकूब को भले ही खानदान को सौंप दिया गया था, लेकिन पुलिस ने पूरी प्लानिंग के साथ ऐसा किया था। उसके जनाज़े को फौरन दफनाने के लिए कहा गया था। पहले अंडरटेकिंग ले ली गई थी कि आखिरी रसूम नहीं निकाली जाएगी। इंतेज़ामिया ने ऐसा इंतजाम किया कि याकूब की लाश को फौरन मुंबई लाया गया।
जब 12.30 बजे उसकी लाश पहुंची तो मुंबई एयरपोर्ट पर कॉरपोरेट एविएशन टर्मिनल से एंबुलेंस निकाली गई। बता दें कि इस रूट का इस्तेमाल सिर्फ वीआईपी के लिए होता है। मुंबई पुलिस के अलावा कुल 35 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए थे। इनमें रैपिड एक्शन फोर्स और सेंट्रल फोर्सेस के जवान भी थे।