मुंबई, १० अक्तूबर (पी टी आई) गुज़श्ता साल 13 जुलाई को मुंबई में पेश आए सिलसिला वार धमाकों के मुल्ज़िम ने इक़बाल-ए-जुर्म किया है कि इंडियन मुजाहिदीन के मफ़रूर (भागा हुआ) सरबराह यासीन भटकल ने सब अर्बन दादर में बम नसब किया था जिससे एक शख़्स हलाक हुआ और 14 दीगर ( अन्य) को ज़ख्म आए।
ये बम दादर में एक बस स्टप के ऊपरी हिस्सा में फट पड़ा था। आई एम रुकन ( सदस्य) नदीम शेख ने अपने 25 सफ़हात ( पृष्ठ) के इक़बालिया बयान में कहा कि ये बम नसब करने की साज़िश के पसेपर्दा भटकल का असल मक़सद मुंबई में फ़िर्कावाराना माहौल को परागंदा ( अस्त व्यस्त) करना था।
ज़राए (सूत्रों) ने कहा कि ये इक़बालिया बयान ज़ाबता फ़ौजदारी के सेक्शन 164 (इक़बालिया ब्यानात की क़लमबनदी) के तहत मार्च में एक मजिस्ट्रेट की अदालत के रूबरू ( आमने सामने) रिकॉर्ड किया गया और उसे गुज़श्ता हफ़्ता खोला गया। 3 जुलाई की शाम दादर ज़वेरी बाज़ार और ओपेरा हाउस में लगभग एक ही वक़्त तीन धमाकों के नतीजा में 27 अफ़राद ( लोग) हलाक ( मारे गये) और 127 दीगर ( अन्य) ज़ख़मी हुए थे।