यासीन मलिक का पासपोर्ट रद्द होने का इम्कान

नई दिल्ली, 12 मार्च: मरकज़ी हुकूमत जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के लीडर यासीन मलिक का पासपोर्ट रद्द करने पर गौर कर रही है। मरकज़ ने कहा है कि वह मलिक की पाकिस्तान दौरे के दौरान 26/11 के अहम मुल्ज़िम हाफिज सईद के साथ हुई मुलाकात को लेकर पूरी तरह होशियार है। मलिक को श्रीनगर में फिलहाल नजरबंद रखा गया है।

वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने पीरके दिन कहा कि मलिक पर जो भी कार्रवाई होनी है, वह जम्मू-कश्मीर पुलिस करेगी। मलिक का पासपोर्ट रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सही वक्त आने पर मरकज़ की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

वज़ारत ए खारेजा के ज़राए के मुताबिक मलिक ने दहशतगर्द तंज़ीम लश्कर‍ ए‍ तैबा के चीफ के साथ मंच साझा करके गलत काम किया है। इसकी पूरी तहकीकात चल रही है कि मलिक सईद के साथ किन हालात में मिले। इसके बाद उन पर मुनासिब कार्रवाई होगी।

मलिक हफ्ते के दिन ही पाकिस्तान से दिल्ली लौटे थे। दिल्ली में एहतिजाज का सामना कर रहे मलिक ने यह बयान भी दिया था कि उनकी मुखालफत करने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने गांधी जी का कत्ल किया था । मलिक ने अपनी सफाई में कहा है कि वह पाकिस्तान अपनी बीवी से मिलने ( ज़ाती सफर) पर गए थे। संसद हमले के गुनाहगार अफजल गुरु की फांसी के एहतिजाजमें उन्हें मदऊ किया गया था। उन्हें नहीं मालूम था कि उस मंच पर हाफिज सईद भी आने वाले थे।

मरकज़ी हुकूमत ने पीर के दिन गुनाहगार अफजल गुरू की लाश को सौंपे जाने से इंकार किया है। मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि लाश को जेल के नियमों के मुताबिक दफनाया गया है और उसके लाश को सौंपे जाने का कोई नियम नहीं है।

जम्मू कश्मीर के वज़ीर ए आला उमर अब्दुल्ला, अफजल के घर वाले और कई सयासी पार्टियां तिहाड़ जेल में 9 फरवरी को फांसी पर लटकाए गए अफज़ल गुरू की लाश को लौटाने की मांग कर चुके हैं। इस सिलसिले में उमर ने गुजश्ता महीने वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह को खत लिखा था।

इसके साथ ही उन्होंने मकबूल बट की लाश को भी लौटाने की अपील की थी। वज़ीर ए दाखिला ने बताया कि अफजल का परिवार यहां आ सकता है और तिहाड़ जेल में उसकी कब्र पर दुआ या फातिहा कर सकता है।