याक़ूब मेमन को दी गई फांसी लम्हा आख़िर तक ड्रामाई सूरते हाल

नई दिल्ली 30 जुलाई:याक़ूब मेमन को फांसी देदिगई इस सिलसिले में अगरचे तैयारी पूरी करली गई थि लेकिन रात देर गए तक ड्रामाई सूरते हाल बरक़रार रही और मुल्क की तारीख़ में पहली मर्तबा सुप्रीम कोर्ट का 3 बजे रात को ख़ुसूसी मीटिंग मुनाक़िद हुवी जिस में ताज़ा दरख़ास्त रहम का जायज़ा लिया गया।

इस से पहले सदर जमहूरीया परनब मुख‌र्जी ने 1993 मुंबई सिलसिला वार बम धमाकों के मुजरिम याक़ूब मेमन की दरख़ास्त रहम को मुस्तर्द कर दिया था।

जेल के बाहर स्कियुरटी इंतेज़ामात सख़्त करदिए गए और दफ़ा 144 नाफ़िज़ कर दिया गया था। इस दौरान मुमताज़ वकील प्रशांत भूषण , आनंद ग्रोवर और एन रामकृष्णन ने चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया जस्टिस एच एल दत्तू से रुजू होकर ताज़ा दरख़ास्त रहम पेश की।

उन्होंने ये दावा किया कि जब किसी मुजरिम की दरख़ास्त रहम को मुस्तर्द किया जाता है तो फिर मुक़र्ररा क़ायदा के मुताबिक़ उसे 14 दिन की मोहलत दी जानी चाहीए।

इब्तिदा में ये तास्सुर दिया जा रहा था के चीफ़ जस्टिस ने दरख़ास्त क़बूल नहीं की ताहम कुछ देर बाद उन्होंने ना सिर्फ़ ये कि दरख़ास्त को समाअत के लिए क़बूल करते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा की ज़ेरे क़ियादत बेंच को समाअत की हिदायत दी।