जम्मू: बीएसएफ सहायक कमांडेंट परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने वाले नबील अहमद वानी ने महसूस जताई कि युवाओं को सबसे बड़ा सामना समस्या बेरोज़गारी है जो एकाग्रता केवल सीखने के द्वारा संभव है। जम्मू-कश्मीर के निवासी नबील अहमद ने कहा कि यह उनका सपना था कि सेना में शामिल हों और देश की सेवा करे। आज उन्हें अपने सपनों की व्याख्या मिल गई है।
बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि हम जितनी ही अधिक अध्ययन नौकरियों के उतने ही अधिक अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि हम हाथों में पत्थर थाम कर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते इसके लिए हमारे हाथों में कलम होना चाहिए जो उधमपुर जूनियर इंजिनियर परीक्षा सफल कर चुके हैं कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें सेना में शामिल होने के अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त हुई।
उन्होंने सेना और बीएसएफ के कई परीक्षा में भाग लिया था। उन्हें बेहद खुशी है कि वह बीएसएफ सहायक कमांडेंट परीक्षा में पहला स्थान हासिल करने में सफल रहे। वाणी के पिता का निधन हो चुका है। उनके पिता पेशे से शिक्षक थे जिन का कुछ साल पहले निधन हो गया। नबील अहमद वानी ने कहा कि वह एक ग्रामीण हैं।
उन्हें कोई संसाधन नहीं थे उनकी मां और उनकी परवरिश उनके पिता करते थे। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग पूरक और परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि उनके पिता का सपना आज साकार हो गया। उनके पिता का यही सपना था कि वह यह तो भारतीय सेना या फिर सीमा सयान्ती सेना में एक अधिकारी के रूप में शामिल हो जाएं। उन्होंने भगवान का धन्यवाद किया जिसने अपने पिता के सपने को साकार कर दिया।