रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ताजे बयान से इसका जवाब खोजा जा सकता है। शनिवार उन्होंने कहा कि कि यूक्रेन में जब तक वर्तमान सरकार सत्ता में है, तब तक पूर्वी यूकेन में संघर्ष समाप्त होने की कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में तो यही लगता है कि इसे रोकने का सिर्फ यही रास्ता है।
पुतिन ने अर्जेंटीना में जी-20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यूक्रेन के वर्तमान प्राधिकार को संघर्ष समाप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है खासतौर पर शांतिपूर्ण तरीके से।’’ उन्होंने कहा कि जब तक वे सत्ता में हैं युद्ध जारी रहेगा।
"War will continue" as long as Ukraine government in power, says Russian President Vladimir Putin: news agency AFP (File pic) pic.twitter.com/6eLE140g1e
— ANI (@ANI) December 1, 2018
गौरतलब है कि चार साल पहले यूक्रेन की सरकार के खिलाफ रूसी अलगावादियों ने जो संघर्ष शुरू किया था उसमें अब तक 10 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं। इनमें से एक तिहाई आम नागरिक हैं।
इस संघर्ष की वजह से ही रूस के रिश्ते पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण हो गए हैं। इन देशों का आरोप हैं कि क्रीमिया पर कब्जे के कारण 2014 में संघर्ष शुरू हुआ था। पश्चिमी देशों के साथ तनावपूर्ण रिश्तों की एक झलक जी-20 शिखर सम्मेलन में भी देखने मिली।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जी-20 समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ होने वाली मुलाकात रद्द कर दी थी। ट्रम्प ने इसके पीछे रूस और यूक्रेन के बीच जारी विवाद को वजह बताया था।
भारी सैन्य खर्चों और अलगाववादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में अहम उद्योगों को नुकसान पहुंचने से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लेकिन, रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन की आर्थिक समस्याओं को खारिज करते हुए कहा कि युद्ध में आर्थिक समस्याओं का हवाला देना हमेशा आसान होता है।
साभार- ‘इंडिया टीवी डॉट कॉम’