यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से 184.43 करोड़ रुपये की जालसाजी के आरोप, पड़ा छापा

रांची: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से 184.43 करोड़ रुपये की जालसाजी के आरोप में कोलकाता सीबीआइ ने जमशेदपुर, कोलकाता, गुड़गांव, नागपुर व कानपुर के कुल 10 ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान जालसाजी से संबंधित दस्तावेज जब्त किया गये. सीबीआइ ने बैंक की शिकायत पर इस मामले में नौ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है. अभियुक्तों की सूची में सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी कृष्ण मुरारी लाल का नाम भी शामिल है.
सीबीआइ सूत्रों के अनुसार यूबीआइ कोलकाता (कॉरपोरेट फाइनांस ब्रांच) की ओर से जालसाजी से संबंधित शिकायत की गयी थी. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि कोलकाता की राम स्वरूप इंडस्ट्रीज नामक कंपनी ने लोन एकाउंट का माध्यम से 184.43 करोड़ रुपये की जालसाजी की. इस राशि में से 130.96 करोड़ रुपये कोलकाता की ही मेसर्स रन द्रव्य प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के खाते में हस्तांतरित कर लिया. सीबीआइ ने इस शिकायत के आधर पर जालसाजी के इस मामले में इन कंपनियों के जुड़े पदाधिकारियों व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.

सीबीआइ ने रामस्वरूप इंडस्ट्रीज के आशीष  झुनझुनवाला, नवीन गुप्ता, आयुष लोहिया, ललित मोहन चटर्जी व विमल कुमार के अलावा आइडीबीआइ के जीएम देवाशीष सरकार, विजया बैंक के पूर्व कार्यपालक निदेशक शाहिद और सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी कृष्ण मुरारी लाल को नामजद अभियुक्त बनाया है.