यूनान की तरफ़ से बैनुल अक़वामी मालीयाती इदारे आई एम एफ़ से लिए गए क़र्ज़ की क़िस्त की अदायगी की हतमी मुद्दत ख़त्म हो गई है जबकि यूनान से मोहलत ख़त्म होने से पहले यूरोज़ोन से 29.1 अरब यूरो के बेल आउट पैकेज की दरख़ास्त की थी।
यूनान ने 30 जून तक आई एम एफ़ को 1.1 अरब यूरो की क़िस्त अदा करनी थी लेकिन अब वो पहला तरक़्क़ी याफ़्ता मुल्क बन गया है जो आई एम एफ़ का डिफ़ाल्टर बन गया है।
मोहलत ख़त्म होने से पहले यूनान ने दो साल के लिए 29.1 अरब यूरो की बेल आउट पैकेज की दरख़ास्त की है ताकि 2017 तक अपने क़र्ज़ की किस्तें अदा कर सके।