यूनीवर्सिटी में मामूल के हालात बहाल करना अव्वलीन तर्जीह : ज़मीर उद्दीन शाह

फ़ोर्स के साबिक़ नायब सरबराह लेफ्टीनेंट जनरल ( रिटायर्ड) ज़मीर उद्दीन शाह ने आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के वाइस चांस्लर की ज़िम्मेदारी सँभाल ली । इस मौक़ा पर उन्होंने कहा कि यूनीवर्सिटी कैंपस में हालात को मामूल के मुताबिक़ बहाल करना उन की अव्वलीन तर्जीहात में शामिल है ।

उन्होंने कहा कि तलबा में तालीम (शिक्षा) से मुताल्लिक़ ( संबंधित) दिलचस्पियों के तहफ़्फ़ुज़ और उन के पेशा वाराना मुस्तक़बिल ( भविष्य) को बेहतर बनाने के इक़्दामात शुरू किए गए हैं । ज़मीर उद्दीन शाह उन फ़ौजी सरबराहों ( व्यवस्थापकों) में शामिल हैं जिन्हें अमन के ज़माने का फ़ौजी इनाम परम विशिष्ट सेवा मेडल भी दिया जाने वाला है क्योंकि हिंदूस्तानी अफ़्वाज (फौजें/सेना) में इन की ख़िदमात नाक़ाबिल फ़रामोश हैं ।

मीरठो के सर धाना में 15 अगस्त 1948 को पैदा हुए ज़मीर उद्दीन शाह ने नैनीताल के सेंट जोज़िफ स्कूल से अपनी इब्तिदाई ( प्रारम्भिक/ पहला) तालीम पूरी की और 1968 में नैशनल डीफेंस एकेडमी में शामिल हो गए । डीफेंस स्टडीज़ ऐंड मैनेजमेंट में उन्हों ने 1980 में मास्टर्स डिग्री हासिल की । उन्हें फ़ौज का नायब सरबराह (प्रबंधक) यक्म ( एक) अक्टूबर 2006 को मुक़र्रर किया गया और इस ओहदा ( पद) पर वो 30अगस्त 2008 तक बरक़रार रहे ।

सुबकदोशी के बाद मिस्टर शाह को आर्म्ड फ़ोर्स ट्रब्यूनल का रुकन नामज़द ( सदस्य नामित) किया गया । वाज़िह रहे कि जारीया साल 15 जनवरी से साबिक़ ( पूर्व) वाइस चांसलर प्रोफेसर पी के अब्दुल अज़ीज़ की सुबकदोशी के बाद मुस्लिम यूनीवर्सिटी में बगै़र वाइस चांसलर के काम काज चलाया जा रहा था ।

अलबत्ता 15 जनवरी से 28 मार्च यूनीवर्सिटी की कारकर्दगी दो उबूरी वाइस चांसलर्स के ज़िम्मा सौंपी गई थी लेकिन मुस्तक़िल वाइस चांसलर बहरहाल ज़मीर उद्दीन शाह की सूरत में यूनीवर्सिटी को मिल ही गया ।