यूनुस बिन उम्र याफ़ई और बहादुर अली ख़ां की दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द

हैदराबाद । 03 जनवरी: सातवें ऐडीशनल मेट्रो पोलीटन सैशन जज ने आज अकबर उद्दीन उववेसी हमला केस में माख़ूज़ यूनुस बिन उम्र याफ़ई और बहादुर अली ख़ान उर्फ़ मुनव्वर इक़बाल की दरख़ास्त ज़मानत मुस्तर्द करदी ।

इस्तिग़ासा की तरफ से दरख़ास्त ज़मानत की ज़बरदस्त मुख़ालिफ़त की गई थी और इस केस के तहक़ीक़ाती ओहदेदार भी रास्त तौर पर अदालत में मौजूद रहें ।

जबके इबराहीम याफ़ई क़तल केस में पुलिस चंदरायन गुट्टा मुबयना नरम रवैया इख़तियार करते हुए रुकन असेंबली चंदरायन गुट्टा अकबर उद्दीन उवेसी रुकन असेंबली मलक पेट अहमद बिलाला और दीगर के ख़िलाफ़ कोई ठोस कार्रवाई करने से गुरेज़ करती आरही है ।

इबराहीम याफ़ई का क़तल किए जाने का दावा करते हुए मक़्तूल के भाई ऊद याफ़ई ने शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिस पर हाइकोर्ट से रुजू होते हुए मरहूम के रिश्तेदारों ने पुलिस की तरफ से अदालत कार्रवाई का इल्ज़ाम आइद किया था ।

दूसरी तरफ़ हमला केस में पुलिस दिलचस्पी का मुज़ाहरा करते हुए साबिक़ में सुप्रीम कोर्ट में भी दरख़ास्त ज़मानत की मुख़ालिफ़त करते हुए माख़ूज़ अफ़राद की ज़मानतें मंसूख़ करने के लिए जोश का मुज़ाहरा किया था ।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हमले केस में माख़ूज़ अफ़राद मुहम्मद बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ मुहम्मद पहलवान हुस्न बिन उम्र याफ़ई उर्फ़ हुस्न पहलवान अबदुल्लाह बिन यूनुस याफ़ई ऊद याफ़ई और बहादुर अली ख़ान की ज़मानतें मंसूख़ किए जाने पर उन्हें दुबारा जेल भेज दिया गया था ।