यूपी के पूर्व गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी ने कुरैशी समाज पर अत्याचार के ख़िलाफ़ की योगी सरकार की निंदा

उत्तर प्रदेश के पूर्व गवर्नर डॉक्टर अज़ीज़ कुरैशी ने आज प्रदेश में कुरैशी समाज के हक में सख्त बयान जारी किया और प्रदेश सरकार द्वारा उनको बेरोजगार बनाये जाने के क़दम पर सख्त नाराज़गी ज़ाहिर की है।

उनके प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा की कुरैशी समाज पर अन्याय और व अत्यचार के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की है।

उतर प्रदेश सरकार से मांग की है वो कुरैशी बिरादरी को आर्थिक सामाजिक और सैक्षाणिक रूप से नष्ट करने वाली अपनी नीतियो पर पुन विचार करे और कुरैशी बिरादरी को पूर्ण रूप से तबाह व बर्बाद होने से बचाए।

पूर्व गवर्नर डॉक्टर अज़ीज़ कुरैशी ने आगे कहा की नयी राज्य सरकार गठित होने के बाद और मीट के कारोबार पर लगे हुए अनेक प्रतिबन्ध लगाने और मीट व मवेशी का कारोबार करने वाले निर्दोष व मासूम लोगो की हत्याए और उनके जान व माल पर हमलो की अनेक घटनाओ ने राज्य सरकार के चेहरे पर काली सियाही पोत दी है।

यह इतिहास की सबसे बड़ी विडम्बना है की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एंव मुख्यमंत्री योगी जी से लगातार चेतावनी के बाद भी कुरैशी बिरादरी के मासूम और निर्दोष लोगो पर लगातार हमलो और उनकी हत्याये की जा रही है।

उन्होंने कहा की कुरैशी बिरादरी और मीट का कारोबार करने वाले तमाम लोगो को आर्थिक तबाही और बरबादी की गहराई में धकेल दिया है यह भी इतहास की विडंबना है की शासन से सम्बंधित महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए व्यक्ती जो खुद मीट एक्सपोर्ट के कारोबार में बड़े पार्टनर है वोह भी कुरैशी बिरादरी के विरोध में लगातार ज़हर उगलते रहते है।

पूर्व गवर्नर डॉक्टर अज़ीज़ कुरैशी ने आगे कहा की हजारो छोटे व फुटकर व्यापारी जो एक दो बकरे या भैंस का मीट बेचकर छोटे कस्बो और गाँव में अपना कारोबार करते है उनको भूखा मरने के लिए बेरोजगार कर दिया गया है। इसके अतिरक्त मीट एक्सपोर्ट करने वाले बड़े व्यापारी पर इतने अधिक प्रतिबन्ध लगा दिए गए है की इनका कारोबार करना मुश्किल हो गया है और इस कारण देश को होने वाली फोरेन एक्स्चेंक्ज की होने वाली आमदनी को भी खतरा हो गया है। डॉक्टर अज़ीज़ कुरैशी ने कहा की मीट का कारोबार करने वाले छोटे और बड़े सभी व्यापारियो पर जानबूझ कर झूठे मुक़दमे लगाकर नाजायज़ दबाव डाला जा रहा है।

डॉक्टर अज़ीज़ कुरैशी ने शासन को चेतावनी देते हुए कहा है की अगर जल्द इस अत्याचार और अन्याय को रोकने के लिए क़दम नहीं उठाये गए तो वोह खुद कुरैशी समाज को संगठित करके उनकी मांगो का झंडा बुलंद करके एक नया संघर्ष आरंभ करेंगे। चाहे इसमें बड़े से बड़ा बलिदान ही क्यों न देना पड़े।