यूपी चुनाव: मायावती ने दिए अब तक 23 फीसदी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट

नई दिल्ली। फर्रुखाबाद में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिस तरह सपा और भाजपा पर निशाना साधा उससे उनकी बदलती चुनावी रणनीति की झलक साफ दिखी।

अभी तक अपने वोटरों को एकजुट रखने के लिए मायावती उन्हें दूसरे दलों का डर दिखाया करती थीं लेकिन इस बार के चुनाव में वह बदले बदले अंदाज में नजर आ रही हैं। कभी वह सपा की अंदरूनी लड़ाई में मुस्लिमों को उनका वोट बैंक बंटने का डर दिखाती हैं तो कभी यह कहकर उन्हें डराती हैं कि इस झगड़े का सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा जो सपा का मु‌स्लिम वोट बैंक बंटने से सत्ता में दोबारा वापसी कर सकती है।

लब्बोलुआब ये ही है कि इस बार मुस्लिम सपा की बजाय बसपा को ही वोट दें। मायावती जानती हैं अगर ऐसा हुआ तो उन्हें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता। इस बार के विधानसभा चुनावों में मायावती ने थोक के भाव मुस्लिमों को टिकट दिए हैं। मुस्लिमों को लेकर मायावती की मेहरबानी का आलम ये है कि अभी तक घोषित सभी उम्‍मीदवारों में से 93 यानि 23 फीसदी टिकट मुस्लिमों के हिस्से में आए हैं।

टिकट ही नहीं चुनावी रैलियों में भी मायावती का पूरा फोकस मुसलमानों पर ही है। टिकटों की घोषणा के बाद से मायावती का शायद ही कोई भाषण रहता हो जिसमें वह समाजवादी पार्टी के झगड़े के बारे में लोगों को याद दिलाना न भूलती हों।

इस झगड़े में वह कभी अखिलेश पर निशाना साधती हैं तो कभी मुलायम पर, लेकिन शिवपाल के प्रति वह जानबूझकर सहानभूति दिखाई देती हैं, जिसमें वह यह दिखाने का प्रयास करती हैं कि शिवपाल के साथ गलत हुआ है और वह अखिलेश के उम्‍मीदवारों को वोट नहीं करेंगे।

इसीलिए मुसलमानों का सपा को वोट देना बेकार है। इसी तरह वह भाजपा को लेकर भी लगातार मुसलमानों को यह समझाने का प्रयास करती हैं कि सपा के झगड़े में अगर मुस्लिम वोट बंटे तो इसका सीधा फायदा भाजपा को ही मिलेगा।