लखनऊ : बीजेपी और आरएसएस के एक धड़े में उत्तरप्रदेश में टिकटों के बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है| हाल ही में पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ दौरे के समय उनकी गाड़ी रोकी थी | पार्टी कार्यकर्ताओं ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के पुतले भी फूंके थे| पार्टी के लोगों के मुताबिक़ चुनाव के समय पार्टी में ऐसा असंतोष आज से पहले कभी नहीं देखा गया|
उत्तरप्रदेश में आरएसएस की 6 स्टेट यूनिट्स हैं और इनमें से 4 ने टिकट बंटवारे को लेकर संतुष्ट नहीं हैं | उन्होंने कहा कि उन लोगों को दरकिनार किया गया, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया है और इसमें बाहरियों और नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है |
सूत्रों के मुताबिक आरएसएस के सहसरकार्यवाह और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रामलाला (अॉर्गनाइजेशन) और कृष्ण गोपाल सभी प्रांत प्रचारकों को मनाने में जुटे हैं| उनका कहना है कि राष्ट्रहित में बीजेपी की जीत के लिए काम करते हुए इन चीजों को नजरअंदाज करना चाहिए| रामलाल को एक प्रचारक ने कहा, ये आग जिसने लगाई है, वही बुझाएगा, हम क्या कर सकते हैं| सूत्रों के मुताबिक़ पूर्वी यूपी के क्षेत्र प्रचारक शिव नारायण बीजेपी उम्मीदवारों के साथ बैठक नहीं कर रहे हैं| कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी जब 25 जनवरी को लखनऊ में आरएसएस के दफ्तर पहुंची थीं| जोशी ने इलाके में काम कर रहे कार्यकर्ताओं से समर्थन मांगा था, लेकिन उन्होंने जोशी से मिलने से मना कर दिया|
शिव नारायण से जब इंडियन एक्सप्रेस ने बातचीत की तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया| बहुगुणा ने कहा, यह गलत है कि वह मुझसे नहीं मिले, उन्हें एक बार मुझसे मिलना चाहिए था। आरएसएस के लोग राजनेता नहीं हैं, वह अंदर ही अंदर काम करते हैं| मुझे उम्मीद है कि वह मेरे लिए जरूर काम करेंगे| लखनऊ में इंडियन एक्सप्रेस को एक सीनियर प्रचारक ने बताया कि बीजेपी नेताओं ने हमसे टिकट पर राय ली थी, लेकिन उसे माना नहीं| ज़्यादातर टिकट्स कार्यकर्ताओं को देने और बाकी के नेताओं के रिश्तेदार व बाहरियों को देने पर इसमें सहमति बनी थी| लेकिन उन्होंने इसके उलट काम किया |