गाजियाबाद पुलिस ने सैकड़ों लोगों के खिलाफ दर्ज किया FIR
नामजद तीन दर्जन लोगों में ब्राह्मण, सवर्ण और मुसलमान
एससी/एससी एक्ट को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान कई शहरों में हिंसा भड़की में 10 लोगों की मौत हुई थी।
इसमें जमकर तोड़फोड़ और हिंसा हुई थी, लेकिन अब पता चल रहा है कि दलित आंदोलन की इस हिंसा में ब्राहमण, सवर्ण और मुसलमान भी शामिल थे।
गाजियाबाद पुलिस ने सैकड़ों लोगों के खिलाफ हिंसा करने की FIR दर्ज की है। इसमें नामजद तीन दर्जन लोगों में ब्राहमण, वैश्य, क्षत्रिय और मुसलमान भी शामिल थे।
गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि ये हिंसा करते हुए मौके से पकड़े गए हैं। इनके खिलाफ हिंसा जान से मारने जैसी सख्त धाराएं लगाई गई है। कई लोगों ने शिकायत की है कि बड़े पैमाने पर धरपकड़ पुलिस कर रही है।
लोगों को घरों से उठा ले गई है. पुलिस अब वीजियो रिकॉर्डिंग से लोगों का मिलान कर रही है कि ये कौन से संगठन से जुड़े थे। क्या इन्हें जानबूझकर हिंसा फैलाने के लिए बुलाया गया था. गिरफ्तार लोगों के पिछले पुलिस रिकार्ड को भी देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि एससी/एसटी कानून को कमजोर किए जाने के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या आठ हो गई है।
मंगलवार को भिंड जिले में एक युवक का शव मिला है। प्रभावित जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया। ग्वालियर में 50 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया।
राज्य के ग्वालियर-चंबल संभाग में मंगलवार को भी तनाव बना रहा। इसी कारण ग्वालियर के तीन, भिंड के पांच थाना क्षेत्रों और मुरैना में कर्फ्यू रहा।