त्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शहर में दलित किशोरी को अगवा कर चार युवकों ने उसे बंधक बनाकर तीन दिनों तक उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। किशोरी रेलवे स्टेशन पर नशे की हालत में मिली। किशोरी ने रविवार को हालत में सुधार होने पर परिजनों को आपबीती सुनाई तो उनके होश उड़ गए। इस पर परिजन पीड़िता को लेकर थाने पहुंचे। पुलिस ने किशोरी को थाने में रोककर परिजनों को टरकाकर भेज दिया। इसके बाद से ही परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर थाने व अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। पुलिस तीन दिन से किशोरी को अवैध रूप से हिरासत में रखने के बावजूद न तो उसका मेडिकल कराया, न बयान दर्ज कराए। इस घटना की अभी तक रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई है।
शहर के एक मोहल्ला निवासी 13 वर्षीय दलित किशोरी मां की मौत के बाद अपनी नानी के घर एक गांव में रह रही है। 26 जून को किशोरी अपने पिता के घर आने के लिए नानी के यहां से चली, लेकिन बीच राह में संदिग्ध हालात में लापता हो गई। परिजनों ने हरसंभव तलाश के बावजूद किशोरी का सुराग नहीं लगने पर नई मंडी कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराते हुए अनहोनी की आशंका जताई थी। 29 जून को किशोरी नशे की हालत में रेलवे स्टेशन पर मिली, जहां से पुलिस ने शिनाख्त करने के बाद उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया। उसकी हालत काफी खराब थी।
इसके तीन दिन बाद रविवार को किशोरी ने हालत में सुधार होने पर नानी को अपने साथ हुई हैवानियत के बारे में जानकारी दी। किशोरी ने परिजनों को बताया कि अपने घर पहुंचने से पहले ही उसे चार युवकों ने एक कार में डालकर अगवा कर लिया, जिसके बाद नशा देकर उसे अज्ञात स्थान पर रखते हुए लगातार तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया। हैवानियत के बाद आरोपियों ने किशोरी को रेलवे स्टेशन पर नशे की हालत में छोड़ दिया। किशोरी की आपबीती जानकर पीड़ित परिजन उसे रविवार को ही लेकर शहर कोतवाली पहुंचे और घटना की जानकारी दी।