यूपी- दलित परिवारों को मंदिर में घुसने से रोकने पर विवाद, धर्म परिवर्तन की चेतावनी

भावनपुर के पचगांव पट्टी गांव निवासी 50 दलित परिवारों ने एक साथ धर्म परिवर्तन करने की चेतावनी देकर सनसनी फैला दी। इनका आरोप है कि उन्हें गांव के मंदिर में घुसने से पुजारी ने रोक दिया। पूजा नहीं करने दी जा रही। हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर दलित परिवारों के लोग एसएसपी कार्यालय में घुस गए और हंगामा करते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की। वहीं पुलिस पूरे मामले को विवाद के बाद प्रायोजित करार दे रही है। हालांकि एसपी देहात ने जांच का आश्वासन दिया है।

भावनपुर के पचगांव निवासी दलित परिवारों ने बताया कि गांव में करीब 50 साल पुराना मंदिर है। यहां गांव के लोग पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर के बराबर में ही कुटी बनी हुई है, जहां पर पिछले कुछ माह से एक साधु आकर रुके हुए हैं। दलित परिवारों का आरोप है कि दो दिन पहले दलित समाज की महिलाएं मंदिर में पूजा करने पहुंची तो पुजारी ने जाति पूछकर उन्हें लौटा दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि जब कुछ युवकों ने पुजारी से बात करने का प्रयास किया तो पुजारी ने साफ मना कर दिया कि दलित समाज के लोग मंदिर में पूजा नहीं करेंगे। उनके अलग से मंदिर बने हुए हैं वह वहां जाकर पूजा करें।

मंगलवार को दलित परिवार महिलाओं के साथ हाथों में बैनर पोस्टर लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंच गए। पोस्टर पर धर्म परिवर्तन करने, दलित उत्पीड़न और मंदिर में पूजा करने से रोकने की बात लिखी हुई थी। एसपी देहात राजेश कुमार के सामने आरोप लगाया कि मंदिर के पुजारी जाति के नाम पर भेदभाव कर रहे हैं। आरोप लगाया कि उन्हें मंदिर में घुसने से रोका जा रहा है। चेतावनी दी कि पुजारी पर कार्रवाई नहीं हुई और मंदिर में पूजा अर्चना नहीं कराई गई तो सभी 50 दलित परिवार एक साथ धर्म परिवर्तन कर लेंगे। एसपी देहात ने कार्रवाई का आश्वासन देकर उन्हें शांत कराया। सीओ सदर देहात को जांच के लिए निर्देश दिया गया है।

मेरठ देहात के राजेश कुमार ने बताया की एसपी पचगांव पट्टी से कुछ लोग आकर मिले थे। मंदिर के पुजारी पर आरोप लगाया है कि मंदिर में नहीं घुसने दे रहे। इस मामले में दो पक्षों के विवाद की जानकारी मिली है, जिसके बाद जांच के लिए सीओ सदर देहात को निर्देश दिया गया है