लखनऊ: (सियासत उर्दू) भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ (जनता के कल्याण का संकल्प) के नाम से पार्टी का घोषणापत्र जारी किया है. उन्होंने कहा कि बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में सुधार हुआ है लेकिन उत्तर प्रदेश अब तक पिछड़ा राज्य है. केंद्र ने यूपी के लिए एक लाख करोड़ रुपये मंजूर किए लेकिन बुनियादी स्तर पर कोई विकास कार्य दिखाई नहीं देता है, और लॉ एंड ऑर्डर तो अत्यंत पिछड़ेपन का शिकार है. यूपी को 15 साल से सपा और बसपा ने बिगाड़ा है. हम राज्य के शकल बदलने का संकल्प लेकर आए हैं.
अमित शाह ने कहा कि अखिलेश यादव को इस राज्य की समस्याओं के संबंध में जवाब देना होगा, जहां सत्तारूढ़ दल के गुंडों ने ज़मीन हड़प लिए हैं. उन्होंने दावा किया कि महज चुनावी गठबंधन कर लोगों को मूर्ख नहीं बनाया जा सकेगा. भाजपा अध्यक्ष का कहना है कि कृषि ऋण माफ किए जाने हैं. स्पेशल टास्क फोर्स बनाते हुए राज्य में अवैध खनन का सफाया हो जाएगा. भाजपा अध्यक्ष ने वादा किया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो उत्तर प्रदेश की सरकारी नौकरियों में तीसरा और चतुर्थ वर्ग के लिए साक्षात्कार नहीं होगा ताकि भर्ती के मामले में भ्रष्टाचार का खात्मा हो जाए. उन्होंने कहा कि बारहवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा दी जाएगी और विशिष्ट योग्यता वाले छात्रों के स्नातक तक फीस माफ कर दी जाएगी.
सांप्रदायिक तनाव का विषय छेड़ते हुए अमित शाह ने कहा कि इसके कारण जनता के बड़े पैमाने पर विस्थापन करना पड़ा, भाजपा जिला स्तर पर टीमें बनाएंगी. यूपी में खाद्य प्रसंस्करण पार्क भी स्थापित किया जाएगा और पूरे राज्य में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए गरीबों के लिए कम दरों रखी जाएंगी. राम मंदिर को लेकर कहा कि संवैधानिक गुनजायिशों के तहत राम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे. तीन तलाक के बारे में कहा कि महिलाओं की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद भाजपा सरकार अपनी राय सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी.
भाजपा को विशेष रूप से नोट बंदी के कदम के बाद जनता की नाराजगी का सामना है और इसका यूपी विधानसभा चुनाव के परिणाम पर असर पड़ सकता है. यही वजह है कि सपा और कांग्रेस के गठबंधन को कुछ लाभ भी हो सकता है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा के घोषणा पत्र को जुमले बाज़ी के नज़रये से भी देखा जारहा है.