लखनऊ: ख्वातीन के लिए अभी तक रिवर्जिनिटी के केस मुल्क के चार बड़े शहरों (मुंबई, कोलकाता, मद्रास और दिल्ली) तक ही महदूद थे, लेकिन Modernity ( जदीदियात) की बढ़ती चकाचौंध से अब यूपी भी अछूता नहीं है। लाइफ स्टाइल और नौजवनओ के ऊपर सवार होती जा रही मगरिबि इतहज़ीब (Western culture) की वजह से शादी से पहले बने जिस्मानी ताल्लुकात को छिपाने के लिए सूबे के दिगर हिस्सों से दारुल हुकूमत के ज़ाती प्लास्टिक सर्जरी करने वाले अस्पतालों में रिवर्जिनिटी के केस हर माह आ रहे हैं।
लड़किया जहां जिस्मानी ताल्लुकात को छिपाने के लिए रिवर्जिनिटी करा रही हैं, वहीं, ख्वातीन शौहर के रोमांच को बरकरार रखने के लिए इसे कराने के लिए आगे आ रही हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, मुल्क ही नहीं, एनआरआई और गैर मुल्क बालाएं भी इस सर्जरी को कराने के लिए नवाबों के शहर का रुख किए हुए हैं। खासकर, ऐसे मुल्क जहां इस तरह के ताल्लुकत खास मायने नहीं रखते हैं, वहां की लड़किया वर्जिनिटी खो जाने पर मैरिड लाइफ बचाने के लिए इस सर्जरी का सहारा ले रही हैं। दारुल हुकूमत के डॉक्टरों के मुताबिक, लड़किया हाइमनोप्लास्टी या रिवर्जिनाइजेशन को लेकर काफी क्रेजी हैं।
इसके पीछे वजुहात के बारे में पूछने पर डॉक्टर बताते हैं कि मॉडर्नाइजेशन के दौर में करियर के चक्कर में आजकल ताखीर से शादियां होने की रिवाज़ चल पड़ा हैं। ऐसे में शादी से पहले ताल्लुकात बनना आज की सोसायटी में आम बात है। उन्होंने बताया कि शादी के वक्त नेचुरल लुक देने के लिए इस तरह के केस को कराने के लिए लोग सामने आ रहे हैं। इनमें वे भी केस शामिल हैं जो प्यार में धोखा खा चुकी होती हैं या फिर बचपन में उनके साथ रेप जैसा कोई वाकिया हो जाता है।
डॉक्टर के मुताबिक , इस तरह के 25 केस हर माह आ रहे हैं। ये केस यूपी के अलग-अलग जिलों जैसे गोरखपुर, वाराणसी, फैजाबाद, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, इलाहाबाद और मगरिबी यूपी के मेरठ, मैनपुरी, आगरा, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद से काफी आ रहे हैं। इनके अलावा गैर मुल्क से भी ऐसे केस आ रहे हैं। उन्होंने बताया नेपाल और फिजी जैसे ममालिक में अभी तिब्बी इंकलाब इतना नहीं आई है, इसलिए वहां के लोग यहां आ रहे हैं। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में महंगे इलाज के चलते यहां पर लोग आ रहे हैं।
प्लास्टिक सर्जन बताते हैं कि रिवर्जिनिटी की इस दौड़ में शादीशुदा ख्वातीन भी शुमार हैं, जिनकी उम्र 30 से 45 के बीच होती है। उन्होंने बताया कि इसके पीछे उनकी सोच है कि लाइफ में कुछ नया हो। उन्होंने बताया कि कई ख्वातीन शादी की 15वीं और 25वीं सालगिरह पर रिवर्जिनिटी का तोहफा देकर शौहर को खुश कर रही हैं।
ऐसे में शौहर भी अपनी बीवियों के ऐसे तोहफों परफिदा हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि हफ्ते में इस तरह की चार-पांच सर्जरी हो रही है, लेकिन शादियों के मौसम में इसकी डिमांड बढ़ जाती है। इस तरह महीने में करीब 20 केस आते हैं और इसे कराने में 45 हजार रुपए के आसपास खर्च आता है।