लखनऊ विधानभवन के सामने सोमवार दोपहर प्रतापगढ़ के किसान सरोज कुमार सिंह ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस उसे पकड़कर हजरतगंज कोतवाली ले गई। सरोज का कहना है चकबंदी के दौरान उनकी तीन बीघा जमीन को भूमाफिया को दे दी गई। चकबंदी विभाग ने उन्हें दूसरी जगह कब्जा नहीं दिलाया। हालांकि उन्हें कागजात दे दिए गए हैं। फिलहाल पुलिस ने उन्हें प्रतापगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया है।
प्रतापगढ़ के तहसील सदर पुरवियापट्टी निवासी सरोज कुमार सिंह के मुताबिक करीब नौ साल पहले चकबंदी के दौरान उनकी तीन बीघा जमीन को अवैध तरीके से नाप कर भूमाफिया को दे दी गई। इसके बदले उन्हें जमीन नहीं मिली। बता दें कि सरोज ने चकबंदी की जांच चकबंदी आयुक्त से कराने की मांग की थी। उन्होंने 10 नवंबर को चेतवानी दी थी कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह विधानभवन के सामने आत्मदाह कर लेंगे। इसके बावजूद प्रशास नहीं चेता।
अपनी जमीन पाने के लिए सरोज ने पीएम की मन की बात और सीएम योगी के दरबार में गुहार लगाई लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला। सात मई 2018 को जिला कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरोज ने सात अगस्त से 18 सितम्बर 2018 को अनशन में बैठा रहा। आरोप है प्रशासन ने उनकी सुनवाई करने के बजाय जेल भेज दिया। बाद में चकबंदी एसीओ गांव पहुंचे और स्टाफ नहीं होने की बात कहते हुए चलते बने।