बीजेपी (BJP) ने अब अपने नेताओं को राहत देना शुरू कर दिया है। सांसद (MP) समेत दस बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज 13 मुकदमे वापस लेने के लिए शासन ने जिला प्रशासन और पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। 12 बिंदुओं पर डीएम और एसएसपी अपनी रिपोर्ट देंगे, जिसके बाद यह मुकदमे वापस लिए जाएंगे। यह सभी मुकदमे 2006 से 2013 के बीच आठ साल में दर्ज हुए हैं।
प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने मांग उठाई थी कि उनके खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाएं। इसके लिए सभी जिलों से संगठन पदाधिकारियों द्वारा पार्टी नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों का विवरण लेते हुए रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेजी गई थी। इस रिपोर्ट पर अब कार्रवाई होनी प्रारंभ हो गई है।
प्रथम चरण में बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है। मेरठ डीएम तथा एसएसपी से इस संबंध में शासन ने दस नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों के संबंध में 12 बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में मुकदमों की वर्तमान स्थिति और अभी तक हुई कार्रवाई के संबंध में भी जानकारी मांगी गई है। रिपोर्ट तैयार करने में अधिकारी जुटे हैं। माना जा रहा है कि शीघ्र ही यह मुकदमे वापस लिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह सभी मुकदमे वर्ष 2006 से 13 के बीच दर्ज हुए थे और यह सभी मुकदमे राजनीतिक घटनाक्रमों से जुड़े हैं
नेता | मुकदमों की संख्या |
सांसद राजेन्द्र अग्रवाल | एक |
पूर्व विधायक अमित अग्रवाल | दो |
विनीत अग्रवाल शारदा | दो |
संजय त्यागी | एक |
विवेक रस्तौगी | एक |
आशीष | दो |
अजित चौहान | एक |
गुल्लू पंडित | एक |
विपिन गोयल | एक |
देवेन्द्र | एक |