यूपी विधानसभा में ‘UPCOCA’ बिल पेश, जानिए, क्या कैसा होगा कानून

संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (यूपीकोका) के विधानपरिषद में पास न हो पाने के बाद मंगलवार को विधानसभा में एक बार फिर पेश किया गया।इस विधेयक को विधानमण्डल के निचले सदन में पिछली 21 दिसम्बर को पारित किया जा चुका था।

जानकारी के अनुसार बाद में इसे विधान परिषद में पेश किया गया था लेकिन विपक्ष की आपत्तियों के बाद इसे सदन की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था। वहां से लौटाने के बाद गत 13 मार्च को सरकार द्वारा इस पर विचार का प्रस्ताव विपक्ष की एकजुटता के कारण गिर गया था। लिहाजा अब प्रक्रिया के तहत इसे फिर से विधानसभा में पेश किया गया।

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की तर्ज पर कानून बनाने के लिए लाए गए इस विधेयक का विपक्ष कड़ा विरोध कर रहा है। उसका कहना है कि सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए इसे पारित कराना चाहती है।

महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की तर्ज पर यूपी काेका कानून लाया गया है जिससे प्रदेश में हाे रहे अपराध पर राेक लगाई जा सके।

यूपी काेका के तहत गिरफ्तार अपराधी काे 6 महीने तक जमानत नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं यूपी काेका के तहत कम से कम 5 साल का प्रावधान है।