उत्तर प्रदेश में साल 2017 में विधानसभा चुनाव होने है. BJP के मुख्य प्रतिद्वंदि के तौर पर बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी है, इसके अलावा कांग्रेस भी कुछ हद तक चुनौती बन सकती है, ऐसे में यूपी में बीजेपी के चेहरे में मायावती जैसा कद और अखिलेश जैसा युवापन चाहिए. क्योकि उत्तर प्रदेश की राजनीति दलित और पिछड़ों को ध्यान में रखते हुए की जाती है, लेकिन सवर्ण वोट की संख्या भी कम नहीं है इसलिए ऐसे वोटों का भी पार्टी को ध्यान रखना है, लेकिन फिलहाल यूपी की टीम में पार्टी के पास कोई भी चेहरा नही हैं. पार्टी सीएम उम्मीदवार के साथ साथ पार्टी के प्रेसिडेंट के लिए भी चेहरे की तलाश कर रही है.
पिछले चुनावों में BJP को इसलिए भी हार का सामना करना पड़ा है कि नरेंद्र मोदी के चेहरे पर हर जगह लड़ा नहीं जा सकता है, और साथ ही पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं को नाराज नहीं किया जा सकता है. बड़े नेताओं को वैसे भी केंद्र में बड़ी जिम्मेदारियां दी जाती रही है, पार्टी उन्ही में से किसी को बाहर निकालने के विचार में है.
खबर है कि पार्टी यूपी विधानभा के लिए स्मृति इरानी को प्रोजेक्ट करने की तैयारी है, और इसी सुगबुगाहट के बीच स्मृति इरानी का अमेठी बार बार पहुंचना, काफी हद तक इस बात की पुष्ठि करता है. स्मृति इरानी में पार्टी को मायावती जैसा कद और अखिलेश यादव जैसा यंग फेस दिखाई दे रहा है.
एक सूत्र से जानकारी मिली है कि पार्टी में योगी आदित्यनाथ, संगीत सोम, उमा भारती और राजनाथ सिंह जैसे नामों की चर्चा चल रही थी. राजनाथ सिंह केंद्र में व्यस्त है, उधर उमा भारती की अगुवाई में BJP 2012 में हार का मुंह देख चुकी है. आदित्यनाथ और संगीत सोम को लेकर पार्टी का हर वर्ग तैयार नहीं है और मायावती के मुकाबले में दोनों की छवि कमजोर पड़ सकती है. ऐसे में स्मृति इरानी का नाम लगभग फाइनल है, बस उमा भारती की एक हामी का इंतजार है. दरअसल स्मृति इरानी को लेकर सबकी रजामंदी इसलिए भी बन सकती है कि इरानी BJP के नरेंद्र मोदी की काफी करीबी पुराने वक्त से रही है और उनके काम काज और आक्रमक रवैये से पीएम मोदी संतुष्ठ भी है, लिहाजा इरानी के नाम का लगभग फाइनल माना जा रहा है.
JKA