यूपी हुकूमत ने तारिक कासमी से वापस लिए सभी मुकदमे

लखनऊ. 26 अप्रैल: उत्तर प्रदेश हुकुमत ने गोरखपुर में 22 मई, 2007 को हुए सीरियल ब्लास्ट के मुल्ज़िम तारिक कासमी के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस ले लिया है।

हुकूमत की आली इख्तेयार कमेटी (High power committe) ने यह फैसला महकमा इंसाफ के मुशावरत की बुनियाद पर किया है। आजमगढ़ जिले के सरायमीर कस्बे के साकिन तारिक कासमी इस वक्त लखनऊ की जेल में बंद है।

बुध के दिन को होम सेक्रेटरी सर्वेश चंद मिश्र ने एनेक्सी के मीडिया सेंटर में सहाफियों को हुकूमत के इस अहम फैसले से वाक़िफ कराया।होम सेक्रेटरी ने बताया कि गोरखपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट व एसएसपी से रिपोर्ट हासिल करने और महकमा इंसाफ के मुशावरत से मुकदमा वापस करने का फैसला लिया गया है। मुकदमा वापसी के अमल (Process) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर आली इख्तेयार की कमेटी का फैसला होता है, जिसमें चीफ सेक्रेटरी जस्टिस और चीफ सेक्रेटरी दाखिला की मुशावरत होती है।

बाराबंकी में तारिक की गिरफ्तारी को गलत ढंग से दिखाए जाने और निमेष कमीशन की रिपोर्ट के मसले पर उन्होंने कुबूल किया कि कमीशन ने एसटीएफ की कार्रवाई पर शक का इज़हार किया है। ध्यान रहे कि गोरखपुर धमाके में छह लोग ज़ख़्मी हुए थे। इस मामले में तारिक कासमी पर Explosives Act, कत्ल की कोशिश समेत कई दूसरे मुकदमे हैं।

तारिक के घर वालों ने रियासती हुकूमत से उसके मुकदमे वापस लेने की मांग की थी। समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों की रिहाई के लिए असेम्बली इलेक्शन के दौरान किए वादे पर अमल करने की शुरुआत तो कर दी है, लेकिन अब तारिक को गोरखपुर मामले मे बेगुनाह साबित कर रिहा कराने का मामला कोर्ट में है।

तारिक पर फैजाबाद, वाराणसी और लखनऊ की कचहरियों में 23 नवंबर, 2007 को हुए धमाके में भी साजिश रचने और शामिल होने के इल्ज़ाम हैं। लेकिन, अब इस पर अदालत को फैसला लेना है।