मुल्क की पहली यूरेनियम माइंस से जुड़ी कंपनी यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) से नक्सलियों ने हर साल पांच करोड़ रुपए की लेवी मांगी है। इसे टैक्स का नाम दिया गया है।
नक्सलियों ने जादूगोड़ा खदान और प्रोसेसिंग यूनिट के इंतेजामिया को खत लिखा है। इसमें पैसे देने के साथ-साथ कंपनी के कुछ मुलाज़िमीन को बाहर करने की धमकी भी दी है। यह खत माओवादियों की बंगाल-झारखंड, उड़ीसा इलाक़े की रीजनल कमेटी की तरफ से लिखा गया है। इस खतरे को देखते हुए कंपनी की सेक्यूरिटी बढ़ा दी गई है।
पहले पोस्टर चिपकाया, फिर छह मांगों वाला खत लिखा
नक्सलियों ने पहले यूसीआईएल के लिए बागजाता माइंस से जादूगोड़ा वाक़ेय प्रोसेसिंग यूनिट तक यूरेनियम ढोने वाले डंपरों पर पोस्टर चिपकाया था। बाद में कंपनी इंतिएजामिया को लेवी से मुतल्लिक़ खत लिखा। इसमें कहा गया है कि यह खत सुझाव भी है और धमकी भी।
क्या है खत में
खत में नक्सलियों ने छह मुतालबात रखी रखी है। इनमें हर साल पांच करोड़ रुपए टैक्स के तौर में देने, बागजाता खदान से पांच मुलाज़िमीन को तुरंत नौकरी से निकालने, मुकदमा करने वाले कंपनी इंतेजामिया से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार करने की मुताल्बा है। इसके अलावा यूरेनियम की इंखिला से मुतासीर इलाकों में फौरन बेरोजगारों को नौकरी देने, तुरामडीह बांटुहुंड़ांग के तमाम मजदूरों को तुरंत नौकरी देकर उन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और नक़ल मकानी को मुस्तकबिल नौकरी और रहने का मकान देने की मुताल्बा की गई है।
लेवी मांगने की जानकारी मिलने के बाद मर्कज़ी दाखला वुजरा के नक्सल मैनेजमेंट महकमा ने रियासत के दाखला सेक्रेटरी, डीजीपी, सीआरपीएफ झारखंड के आईजी और डिपार्टमेंट ऑफ स्पेश के आईजी को खत लिखा है। इसमें यूसीआईएल के अफसरों की हिफाज़त यक़ीनी बनाने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि सीआरपीएफ से राब्ता कायम करें। फिर कंपनी में सेक्यूरिटी का जायजा कर नई इंतेजमात करें।