लंदन। ब्रिटेन की जनता ने ऐतिहासिक फैसले में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में मतदान किया है। इसके साथ ही 28 देशों वाले यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन अलग हो जाएगा। 43 साल बाद हुए इस ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन की जनता ने मामूली अंतर से ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग करने के पक्ष में वोट किया है। लंदन और स्कॉटलैंड ने यूरोपियन यूनियन में रहने के पक्ष में मतदान किया था लेकिन उत्तरी इंग्लैंड में लोगों ने ईयू से अलग होने के पक्ष में मतदान किया।
ईयू के गठन के बाद ब्रिटेन इसे छोड़ने वाला पहला देश बन गया है। हालांकि इस वोटिंग के नतीजे का मतलब यह नहीं हुआ कि ब्रिटेन तत्काल 28 देशों वाले यूरोपियन यूनियन से बाहर हो जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में कम से कम दो सालों का वक्त लगेगा। कहा जा रहा है कि यह 2020 से पहले संभव नहीं होगा। तब तक ब्रिटेन में आम चुनाव भी आ जाएगा।
जनमत संग्रह का टर्नआउट 71.8% रहा। 30 मिलियन से ज्यादा लोग इस जनमत संग्रह में शामिल हुए। 1992 के बाद यह सबसे बड़ा टर्नआउट है। वेल्स और इंग्लिश शाइअर के मतदाताओं ने बड़ी संख्या में ईयू से अलग होने के पक्ष में वोट किया। इस नतीजे के बाद ब्रिटेन की करंसी पाउंड 1985 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। जनमत संग्रह का टर्नआउट पिछले साल हुए आम चुनाव से भी ज्यादा रहा। अनुमान है कि वोटों का अंतर 52% और 48 पर्सेंट का है।