चीन के सदर हो जिंताओ ने इतवार के रोज़ यूरोप के कर्जे़ बोहरान (संकट) पर तशवीश (संदेह) का इज़हार करते हुए कहा है कि जी 20 की आलमी इक़तिसादी (आर्थिक) कुव्वतों को मिलकर बोहरान (संकट)ज़दा मंडीयों की बहाली के लिए काम करना चाहिए।
उन्होने कहा कि यूरोप का क़र्ज़ा बोहरान (संकट) उमूमी तशवीश (संदेह) का बाइस है और ये कि जी 20 के रुकन मुल्कों को यूरोप के उठाए गए इक़दामात और कोशिशों की हौसला अफ़्ज़ाई और मुआवनत (मदद) करनी चाहिए और मंडी के लिए एतिमाद का सिगनल भेजना चाहिए।
मजमूई आलमी तलब बदस्तूर कमज़ोर है जबकि बड़ी मईशतों में शरह (दर) सुस्त है , ये इंतिबाह उन्हों ने मैक्सीको के रोज़नामा रीफ़ारमा को दिए गए इंटरव्यू में दिया जो कि जी 20 सरबराह कान्फ़्रैंस के मौक़ा पर शाए हुआ ।
इस कान्फ़्रैंस में दुनिया के सरकरदा इक़तिसादी (आर्थिक) ताक़तवर मुल्कों ने हिस्सा लिया