यूरोप: तारकीने वतन का सैलाब, 2014 का रिकार्ड टूटा

जर्मन न्यूज़ एजेंसी डी पी ए के मुताबिक़ स्विटज़रलैंड के शहर जिनेवा में क़ायम तर्के वतन से मुताल्लिक़ बैनुल अक़वामी तंज़ीम इंटरनैशनल आर्गेनाईज़ेशन फ़ॉर माइग्रेशन IOM ने जुमा चौदह अगस्त को बताया कि अगर्चे इस साल के ख़त्म होने में अभी तक़रीबन साढे़ चार महीने का वक़्त बाक़ी है लेकिन तारकीने वतन की तादाद के हवाले से गुज़िश्ता साल का रिकार्ड अभी से टूट भी चुका है।

इस इदारे ने बताया है कि गुज़िश्ता पूरे साल में दो लाख उन्निस हज़ार इन्सान जुनूबी यूरोप में पहुंचे थे। कश्तीयों के ज़रीए समुंद्र के रास्ते आने वाले पनाह के इन मुतलाशियों की बड़ी तादाद यूनान और इटली पहुंची जबकि बहुत कम तादाद में तारकीने वतन स्पेन और माल्टा पहुंचे।

गुज़िश्ता चंद महीनों से यूनान पहुंचने वाले पनाह के मुतलाशियों की तादाद में ड्रामाई इज़ाफ़ा देखने में आ रहा है, जिसके नतीजे में मुताल्लिक़ा यूनानी जज़ाइर पर इन्सानी बोहरान की सी सूरते हाल पैदा हो गई है।