वाशिंगटन। यूरो क्षेत्र का कर्ज संकट और आसमान छूती कच्चे तेल [क्रूड] की कीमतें इस वकत दुनिया के दो सबसे बडे मस्ले हैं। इस बात को कबुल करते हुए दुनिया के आठ सबसे ताकतवर मुल्कों ने इनसे निपटने के लिए पुरजोर कोशिशों की जरूरत बताई है।
कैंप डेविड में जी-8 की बैठक से पूर्व एक सत्र में इन देशों के प्रमुख साथ जुटे। बैठक के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि यूरो क्षेत्र के संकट से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने की जरूरत है। क्रूड में मूल्यवृद्धि भी दुनिया को डरा रह रही है। इसका साथ मिलकर सामना किया जा सकता है।
इस बात की अटकलें हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जी-8 सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले ऊर्जा सत्र में आपातकालीन तेल रिजर्व के इस्तेमाल को लेकर अन्य राष्ट्र प्रमुखों का समर्थन मांगें। इसकी वजह जुलाई से ईरान पर प्रस्तावित यूरोपीय संघ के तेल प्रतिबंधों को माना जा रहा है। कैमरन ने फिलहाल इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल राजकोषीय घाटे को कम करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘अलोकप्रिय’ कदम उठाने होंगे।
अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, कनाडा और रूस की सदस्यता वाले संगठन की इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनके स्थान पर रूस के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव प्रतिनिधित्व करेंगे।